पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कड़ा रुख अपनाया है. भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता तोड़ दिया. इससे पाकिस्तान की मुसीबतें बढ़ गई हैं और वहां पानी के लिए हाहाकार मचा है. आतंकी हमले के विरोध में भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया ताकि पाकिस्तान की ओर पानी नही जाए. इसका असर पंजाब के सतलुज दरिया पर दिखने लगा है जहां फिरोजपुर के हुसैनीवाला हेड के सभी गेट बंद कर दिए गए हैं. यहां से भी पाकिस्तान में पानी नहीं जा रहा है.
सिंचाई विभाग के हुसैनीवाला हेडवर्क्स के एक्साइन बलविंदर कुमार ने बताया कि हुसैनीवाला और हेडवर्क्स में जो पानी छोड़ा जाता है, वह यहां पर आता है. हमें अपना पॉन्ड लेवल मेंटेन करके रखना होता है. वह हम कर रहे हैं और पाकिस्तान की तरफ कोई भी पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. यह गेट तब खोले जाते हैं जब बाढ़ के दिनों में पानी बहुत बढ़ जाता है. तब यहां के गेट को खोला जाता है. हमारी तरफ से किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने के लिए पूरे प्रबंध कर लिए गए हैं. नहरों में पानी छोड़ा जा चुका है.
वहीं फिरोजपुर के गांव खाई के किसानों ने कहा कि हमें नहरी पहनी मिलना शुरू हो गया है. किसान रूप लाल ने कहा, अभी पानी कम आ रहा है, लेकिन एक दो दिन में पानी और आना शुरू हो जाएगा. नहरी पानी से काफी फायदे हैं. एक तो पानी 24 घंटे मिलता है और पानी में भारीपन होता है जो धान की फसल के लिए अच्छा है. हमें 8 घंटे बिजली मिलती है जिससे ट्यूबल का पानी मिलता है. नहर से पानी हमें सरकारी मोघे (छोटे नालों से) से मिलता है जिससे सभी के खेतों को पानी मिलता है.
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दूसरे किसान मदन लाल ने बताया कि इससे किसानों को काफी फायदा होगा और नहरी पानी जल्दी नहीं सुखेगा. यहां सभी को पानी मिलता है और अभी नहरों में पानी कम है लेकिन धीरे-धीरे आ जाएगा.
जानकारी के मुताबिक हुसैनीवाला हेडवर्कस के गेट तब खोले जाते हैं जब हरि के हेड से पानी ज्यादा आ जाता है. जब हुसैनीवाला में पौंड लेवल से ऊपर पानी चला जाता है तो उसे गेट खोलकर आगे छोड़ दिया जाता है. फाजिल्का के साथ पाकिस्तान का सुलेमान हेड बना हुआ है. जब पाकिस्तान को पानी चाहिए होता है तो वह अपने सुलेमान हेड के गेट खोल देता है और पानी ले लेता है.
पंजाब सरकार के द्वारा किसानों से वादा किया गया था कि उन्हें नहरी पानी मुहैया करवाया जाएगा. धान की फसल पर पानी की खपत बहुत बढ़ जाती है. किसान मोटर के जरिए धरती से पानी निकाल कर सिंचाई करते हैं जिससे जमीन के नीचे पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है. नहरी पानी मिलने से मोटर से पानी लेने का काम बंद होगा और जमीनी पानी की बचत होगी. फिरोजपुर में नहरों को पक्का बनाया गया है. किसान इससे संतुष्ट नजर आ रहे हैं. इससे किसानों को फायदा मिलेगा.
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फिरोजपुर हुसैनीवाला से दो नहरें निकलती हैं. एक गंग कैनाल और दूसरा ईस्टर्न कैनाल. दोनों नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है जिससे पानी अलग-अलग शहरों से गांव में किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. इससे किसानों की खेती में पैसे की बचत होगी और समय पर सिंचाई का पानी भी मिलेगा.(अक्षय गलहोत्रा की रिपोर्ट)
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