केंद्र सरकार ने बीते सप्ताह इथेनॉल उत्पादन के लिए बीएचएम (B-heavy molasses) यानी भारी गुड़ या शीरा का इस्तेमाल करने की अनुमति चीनी मिलों को दे दी है. इसके साथ ही चीनी मिलों के पास मौजूद 7 लाख टन बीएचएम स्टॉक को इस्तेमाल किया जाएगा और इससे बनने वाले इथेनॉल के जरिए चीनी मिलों को करीब 2300 करोड़ रुपये रेवेन्यू हासिल होगा. कहा जा रहा है कि इससे गन्ना किसानों के भुगतान में भी तेजी आएगी.
सहकारी चीनी का प्रतिनिधित्व करने वाले नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (NFCSF) ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए 7 लाख टन बीएचएम (B-heavy molasses) यानी भारी गुड़ या शीरा के उपयोग की मंजूरी के फैसले से देश की चीनी मिलों और उद्योग को 2300 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलेगा. बता दें कि दिसंबर 2023 में केंद्र ने समीक्षा के बाद आशंका जताई गई थी कि देश में चीनी की उपलब्धता कम रहेगी और चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. इन आशंकाओं के चलते केंद्र सराकर ने 7 दिसंबर को गन्ने के रस, चीनी सिरप, शीरा या भारी गुड़ से इथेनॉल के उत्पादन पर रोक लगा दी थी.
उस वक्त केंद्र के इस फैसले से चीनी उद्योग स्तब्ध रह गया था और कुछ चीनी मिलों और डिस्टलरीज ने ठप होने की आशंका जताई थी. एनएफसीएसएफ के अनुसार इसके अलावा इथेनॉल उत्पादन, कारखानों में इथेनॉल और भारी गुड़ या शीरा के स्टॉक और तेल कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर भी सवाल खड़े हो गए थे. इसके अलावा इस क्षेत्र में कारखानों के वित्तीय निवेश को भी खतरा हो गया था. हालांकि, बाद में 15 दिसंबर को केंद्र ने चीनी मिलों को इथेनॉल के शेष स्टॉक और इथेनॉल के लिए भारी गुड़ या शीरा की कुछ मात्रा के इस्तेमाल की मंजूरी देकर थोड़ी राहत दी थी. तब सरकार ने अधिकतम 17 लाख टन चीनी को इथेनॉल उत्पादन में इस्तेमाल करने को कहा था.
बीते सप्ताह 24 अप्रैल को केंद्र सरकार ने इथेनॉल के लिए लगभग 7 लाख टन सरप्लस बी हेवी गुड़ या शीरा का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है. एनएफसीएसएफ ने कहा कि खाद्य मंत्रालय की सलाह पर पेट्रोलियम मंत्रालय ने 31 मार्च 2024 तक उनके पास मौजूद बी हेवी गुड़ या शीरा के मौजूदा स्टॉक के आधार पर अतिरिक्त इथेनॉल कोटा आवंटन प्रक्रिया शुरू कर दी है. कहा गया कि 3.25 लाख टन सरप्लस चीनी को इथेनॉल उत्पादन में लगाया जाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार एनएफसीएसएफ को उम्मीद है कि केंद्र के बी हेवी गुड़ या शीरा का इस्तेमाल की अनुमति देने के इस फैसले से चीनी स्टॉक को कम करने में मदद मिलेगी. इससे घरेलू चीनी की बिक्री दर में सुधार होगा. इस निर्णय से मिलों में बी हेवी गुड़ या शीरा के सरप्लस स्टॉक में फंसे लगभग 700 करोड़ रुपये जारी होंगे. इससे बनने वाले 38 करोड़ लीटर इथेनॉल की बिक्री से लगभग 2300 करोड़ रुपये देश भर में इथेनॉल बनाने वाले वाली चीनी मिलों को हासिल हो सकेंगे. इससे किसानों को समय पर और पूरा भुगतान करने में भी मदद मिलेगी.
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