ग्रामीण विकास के लिए 1.5 लाख PACS का गठन, किसानों की मदद के लिए डिजिटल करने की मंजूरी 

ग्रामीण विकास के लिए 1.5 लाख PACS का गठन, किसानों की मदद के लिए डिजिटल करने की मंजूरी 

ग्रामीण विकास के लिए केंद्र सरकार प्राइमरी एग्रीकल्चर लोन समितयों (PACS) को डिजिटल कर रही है. पैक्स के जरिए किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरण, कृषि कार्यों के लिए लोन समेत 27 तरह की सेवाएं ग्रामीण इलाकों में दी जा रही हैं.  

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ग्रामीण विकास के लिए 1.5 लाख PACS का गठन, किसानों की मदद के लिए डिजिटल करने की मंजूरी देश भर में 1.5 लाख पैक्स का गठन हुआ है.

ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार प्राइमरी एग्रीकल्चर लोन समितयों (PACS) को डिजिटल करने पर जोर दे रही है. देश भर में 1.5 लाख पैक्स का गठन हुआ है. 30 राज्यों में 67,930 पैक्स को डिजिटल करने के लिए मंजूरी दी गई है. इसके तहत पैक्स को कंप्यूटर से लैस किया जा रहा है. इसमें खर्च होने वाले 60 फीसदी पैसे को केंद्र सरकार दे रही है. 18 जुलाई 2024 तक 568 पैक्स को पैसा जारी किया जा चुका है. बता दें कि पैक्स के जरिए किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरण, कृषि कार्यों के लिए लोन, पशुओं की दवाएं, सरकारी योजनाओं और बैंकिंग समेत 27 से अधिक तरह की सेवाएं ग्रामीण इलाकों में दी जा रही हैं.  

सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सांसदों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि सहकारिता क्षेत्र को अधिक ताकतवर बनाने के लिए कई पहल की गई हैं. कुल 54 पहल सहकारिता मंत्रालय कर रहा है. पैक्स के जरिए ग्रामीण विकास पर जोर दिया जा रहा है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूती दी जा सके. उन्होंने कहा कि पैक्स से बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र की जनता जुड़ी हुई है. 

पैक्स से जुड़ी है 50 फीसदी आबादी   

सहकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि कई राज्य जैसे महाराष्ट्र, गुजरात की 50 फीसदी से अधिक जनसंख्या सहकारिता से जुड़ी हुई है. इसीलिए अब तक पूरे देश में तकरीबन 1 लाख 5 हजार पैक्स का गठन किया गया है. इनका काम अच्छी तरह से चले इसके लिए जिला बैंकों या स्टेट बैंक से कॉऑर्डिनेशन के लिए पैक्स को कंप्यूटरीकृत बनाने पर काम हो रहा है. 

30 राज्यों में 67,930 पैक्स डिजिटल होने की मंजूरी 

अब तक कुल 30 राज्यों में 67,930 पैक्स को कंप्यूटर से लैस करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है. उसमें से अब तक केंद्र सरकार की ओर से हार्डवेयर खरीदने या सपोर्ट सिस्टम तैयार करने के लिए 654 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. कंप्यूटर से लैस करने के लिए नाबार्ड 10 फीसदी, राज्य सरकार 30 फीसदी और केंद्र सरकार 60 फीसदी रकम देता है. अभी तक 18 जुलाई 2024 तक 568 पैक्स को एआरपी सॉफ्टवेयर से लैस किया जा चुका है. कुल 583 पैक्स स्वीकृत किए जा चुके हैं. 

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे पैक्स 

सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स को सशक्त बनाकर कृषि के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था अधिक मजबूत करने के संकल्प को पूरा किया जाएगा. हर प्रदेश के जिलों में पैक्स को मजबूत कर ग्रामीणों और किसानों की मदद की जाएगी. जबकि, कृषि क्षेत्र के विकास में पैक्स का बड़ा योगदान आने वाले समय में होने वाला है. 

पैक्स से ग्रामीणों को 27 तरह की सेवाएं मिल रहीं  

पैक्स को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में भी काम कराया जा रहा है, ताकि सामान्य सेवा केंद्रों के जरिए दी जाने वाली सेवाओं को आसानी से ग्रामीण आबादी को उपलब्ध कराया जा सके. पैक्स के जरिए किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरण, कृषि कार्यों के लिए लोन, पशुओं की दवाएं, सरकारी योजनाओं और बैंकिंग समेत कई तरह की सेवाएं ग्रामीण इलाकों में दी जा रही हैं. पैक्स पर बैंकिंग, गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप, जन औषध‍ि केंद्र, अनाज खरीद, अनाज भंडारण, खाद-बीज वितरण, खेती से जुड़े दस्तावेज अपडेट और सीएससी की सेवाओं समेत 27 तरह की सेवाओं का लाभ ग्रामीणों को मिलना शुरू हो गया है. 

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