कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि देश में अज्ञानतावश मशरूम आम लोगों का आहार नहीं बन पाया है. बहुत सारे लोग अब भी इससे वंचित हैं. इसलिए इसके प्रति जागरूकता और उत्पादन बढ़ाना बहुत जरूरी है. ताकि यह सभी के भोजन का अभिन्न अंग बन सके. दावा है कि इसमें मौजूद एर्गोथियोनिन हमारी फ्री रेडिकल्स से रक्षा करते हैं. इसमें बीटा ग्लूकान्स और लिनोलिक अम्ल के प्रभाव के कारण प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है. अब वैज्ञानिकों ने कहा है कि इससे मनोरोग को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. सेनडिएगो में हुए एक अध्ययन द्वारा यह पता लगाया गया है कि मशरूम में मौजूद पोषक तत्वों से बने साइकेडेलिक दवा से अब एनोरोक्सिया नामक मनोरोग रोग का इलाज संभव हो गया है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने मशरूम के इन गुणों को अपनी एक पत्रिका में जगह दी है. इसके अनुसार एनोरोक्सिया एक गंभीर मनोरोग है, जिसमें एक प्रकार का डाइटिंग डिस्ऑर्डर हो जाता है. जिन लोगों को एनोरोक्सिया होता है, वे स्वयं को भूखा रखते हैं ताकि उनका वजन न बढ़ जाए. वे मोटापे के भय से पीड़ित होते हैं. मशरुम में सिलोसाइविन तत्व विद्यमान होता है, जो मस्तिष्क को सक्रिय रखता है.
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इस अध्ययन में 10 लोगों को शामिल किया गया. उन्हें इसकी गोली के रूप में मशरूम की अधिकतम खुराक दी गई. इनमें से बहुत से लोग एनोरोक्सिया रोग से पीड़ित थे. इस अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि जिन लोगों को मशरूम से बनी दवा दी जा रही थी, उनके खाने-पीने को लेकर सोच में परिवर्तन आया. वैज्ञानिकों द्वारा एक अध्ययन में यह भी बताया जा रहा है इस रोग के इलाज के लिए वाइव ट्रैकर (वीआर) जैसा उपकरण तैयार किया गया है जो इससे निजात पाने में सहायक होगा.
एनोरोक्सिया को सामान्य तौर पर एक मानसिक रोग माना गया है. इसके शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के लक्षण हो सकते हैं. इस डिस्ऑर्डर से ग्रस्त होने के कारण व्यक्ति अपने वजन और शरीर के आकार को निर्यात्रत करने के लिए प्रयास करता है. इस कारण कई अन्य गंभीर रोग भी शरीर में लग जाते हैं. इससे कई बार शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. इसलिए ऐसे लोगों को थकान, कमजोरी, मांसपेशियों की समस्या, रक्तचाप, चक्कर, हाथ-पैरों का ठंडा होना, बालों का झड़ना, मासिक धर्म में समस्या होना और अनिद्रा जैसी कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं. इन सब लक्षणों द्वारा इस रोग की पहचान की जा सकती है.
पोषक तत्वों से भरपूर मशरूम कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है. ऐसा दावा किया जाता है. जिन लोगों को कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उनके लिए मशरूम फायदेमंद साबित हो सकता है. गैनोडर्मा मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर है, जो शरीर की रोगरोधक क्षमता, लीवर की सुरक्षा तथा कॉलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया में मशरूम की लगभग 14,000 प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें से 3,000 खाने योग्य जबकि 300 औषधीय गुणों से भरपूर हैं.
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