हाथी पर सवार होकर आईं मां दुर्गा, जानिए क्यों किसानों के लिए है साल का सबसे बड़ा शुभ संकेत

हाथी पर सवार होकर आईं मां दुर्गा, जानिए क्यों किसानों के लिए है साल का सबसे बड़ा शुभ संकेत

इस बार शारदीय नवरात्रि 2025 में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. जानिए इस शुभ संकेत का क्या मतलब है और क्यों यह किसानों के लिए सुख-समृद्धि का संदेश लाता है.

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हाथी पर सवार होकर आईं मां दुर्गा, जानिए क्यों किसानों के लिए है साल का सबसे बड़ा शुभ संकेतइस साल देवी दुर्गा का आगमन किसानों के लिए क्यों है शुभ

हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. यह पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का प्रतीक है और पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रही है. खास बात यह है कि इस बार यह पर्व पूरे 10 दिन तक चलेगा. लेकिन सबसे बड़ी बात जो इस बार नवरात्रि को और भी खास बना रही है, वह है मां दुर्गा का हाथी पर आगमन. वास्तव में, इस साल देवी दुर्गा का आगमन किसानों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है. इस साल देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर आई हैं, जिसका मतलब है कि इस साल अच्छी बारिश होगी. और हम सभी जानते हैं कि किसानों के लिए बारिश कितनी महत्वपूर्ण होती है.

क्यों होती है मां दुर्गा की सवारी अलग-अलग?

देवी पुराण के अनुसार, नवरात्रि की शुरुआत जिस दिन होती है, उसी दिन के आधार पर मां दुर्गा की सवारी तय होती है.

  • यदि नवरात्रि रविवार या सोमवार से शुरू हो, तो माता गज (हाथी) पर आती हैं.
  • मंगलवार या शनिवार को प्रारंभ होने पर माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं.
  • बुधवार को गधा और शुक्रवार को नाव पर आगमन होता है.
  • इस बार नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रही है, इसलिए मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं.

हाथी पर आने का क्या है महत्व?

मां दुर्गा का हाथी पर आगमन अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार:

  • यह साल भर अच्छी वर्षा और कृषि में उन्नति का संकेत है.
  • किसानों के लिए यह समय समृद्धि और खुशहाली लेकर आता है.
  • देश में स्थिरता बनी रहती है और राजनीतिक स्थिति में सुधार होता है.
  • समाज में शांति, सफलता और समृद्धि का वातावरण बनता है.

हाथी एक शांत, बलशाली और स्थिरता का प्रतीक है. इसलिए जब मां दुर्गा हाथी पर आती हैं, तो यह हर दृष्टिकोण से मंगलकारी समय का सूचक होता है.

कलश स्थापना की तिथि और शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है.

  • प्रतिपदा तिथि शुरू: 22 सितंबर 2025, रात 01:23 बजे
  • समाप्त: 23 सितंबर 2025, रात 02:55 बजे

घटस्थापना के शुभ मुहूर्त

  • मुख्य मुहूर्त: सुबह 06:09 से 08:06 बजे तक
  • शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 09:11 से 10:43 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 बजे तक

इन मुहूर्तों में घटस्थापना करने से पूजा का फल कई गुना अधिक होता है और माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

इस बार शारदीय नवरात्रि का पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि कृषि, समाज और राजनीति के लिए भी शुभ संकेत लेकर आया है. मां दुर्गा का हाथी पर आगमन यह दर्शाता है कि आने वाला समय देश और जनता दोनों के लिए खुशहाली और समृद्धि से भरा होगा. ऐसे में श्रद्धालु भक्त पूरी आस्था के साथ इस पर्व को मनाएं और मां दुर्गा से सुख-शांति और सफलता की प्रार्थना करें.

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