बिहार के कैमूर जिले की मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की गिरती मात्रा ने वैज्ञानिकों और किसानों को चिंतित कर दिया है. कैमूर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अमित सिंह ने चेतावनी दी है कि अगर रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग जारी रहा तो अगले 20 से 25 वर्षों में ज़मीन बंजर हो जाएगी. यह गंभीर निष्कर्ष 29 मई से 12 जून तक चले ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान सामने आया, जिसमें कैमूर के करीब 135 गांवों में वैज्ञानिकों ने किसानों से संवाद कर खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन किया.
डॉ. अमित ने बताया कि अच्छी खेती के लिए मिट्टी में कम से कम 0.5% ऑर्गेनिक कार्बन जरूरी होता है, जबकि कैमूर की अधिकांश मिट्टी में यह मात्रा 0.3 से 0.4% के बीच पाई गई. यह उपज क्षमता के लिहाज से बेहद निम्न स्तर है. अभियान के तहत किसानों को प्राकृतिक और जीरो बजट खेती की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया गया. वैज्ञानिकों का कहना है कि जैविक तरीकों से खेती करने से मिट्टी की सेहत सुधरेगी, लागत घटेगी और फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी.
कैमूर जिले के भड़हेरिया गांव के किसानों ने बताया कि अधिक उत्पादन की चाह में वे हर साल ज्यादा उर्वरकों का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन उत्पादन में कोई वृद्धि नहीं हो रही. किसान डीके सिंह ने कहा कि फसलों में रोग लगने पर वे दुकानदारों से बहुत सारी दवाइयां लेते हैं, लेकिन इस अभियान के दौरान वैज्ञानिकों से मिलने के बाद एहसास हुआ कि फसलों में रोगों की जानकारी कृषि वैज्ञानिकों से लेकर ही उचित दवाओं का चयन करना चाहिए.
गौरतलब है कि विकसित कृषि संकल्प अभियान’ ने कैमूर समेत कई जिलों में किसानों और वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाकर संवाद का नया अवसर दिया. किसानों को सरकारी योजनाओं, तकनीकी विकल्पों और खेती में सुधार के उपायों की जानकारी मिली, साथ ही वैज्ञानिकों को ज़मीनी समस्याओं की वास्तविक तस्वीर के बारे में जानकारी प्राप्त हुई.
बता दें कि केंद्री कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ओडिशा के पुरी से विकसित कृषि संकल्प अभियान की शुरुआत हुई थी. इस अभियान का उद्येश्य देश के 1.5 करोड़ से ज्यादा किसानों तक पहुंच बनाकर खरीफ उत्पादन को बढ़ाना है. अभियान का आखिरी दिन 12 जून को था. इस दौरान देश के हजारों कृषि वैज्ञानिकों ने गांव-गांव खेतों में जाकर किसानों से उनकी समस्याएं सुनी और उनका समाधान भी बताया.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today