आजकल किसी भी खाने-पीने की चीज में मिलावट आम बात है. इससे कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं जिसे लेकर लोगों को आगाह किया जा रहा है. इसी में एक मिलावट घी को लेकर भी है. ऐसी आशंका है कि घी में कोलतार और डाई की मिलावट होती है. इसे लेकर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने कुछ रोचक जानकारी दी है. इसमें बताया गया है कि आप घर पर घी में मिलावट को कैसे आसानी से चेक कर सकते हैं. एफएसएसएआई के बताए तरीकों के बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं.
घी की बात करें तो इसका इस्तेमाल सेहत को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है. लेकिन अगर इसमें मिलावट हो तो इसका बुरा असर देखने को मिलता है. ऐसे में इसकी पहचान करना बेहद जरूरी है. अगर आप इसकी पहचान करना चाहते हैं तो इस टेस्ट की मदद से कर सकते हैं. आइए जानते हैं क्या हैं वो आसान उपाय.
घी में कोल टार डाई के मिलावट की शिकायतें आ रही हैं. कोल टार डाई एक आर्टिफ़िशियल डाई है. यह टोल्यूनी, ज़ाइलीन और बेंजीन जैसे कई हाइड्रोकार्बन को मिलाकर बनाया जाता है. यह कोल गैस या कोयले का एक प्रोडक्ट है. जब यह सिलिकॉन कार्बन HCL के साथ रिएक्शन करता है, तो यह लाल रंग देता है. यही वजह है कि नकली घी का रंग लाल हो जाता है.
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कोल टार डाई की मिलावट घी के अलावा अन्य कई चीजों की की जाती है. इनमें टॉफी, कैंडी आदि सबसे ऊपर हैं. जानकारों का कहना है कि यह हमारे दिमाग या सेंसरी सिस्टम को बहुत नुकसान पहुंचाता है. यह याद्दाश्त और सीखने की क्षमता को कम करता है. एलर्जी, पेट की समस्या भी हो सकती है. इसी के साथ हमें यह जान लेना चाहिए कि अगर नकली घी का इस्तेमाल करते हैं तो उसका क्या बुरा असर हो सकता है.
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यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि घी में पशु वसा मिलाई जाती है. उदाहरण के लिए, घी की मात्रा बढ़ाने के लिए पिघला हुआ मक्खन, जो पशु वसा का एक प्रकार है, मिलाया जा सकता है. इससे घी की क्वालिटी, शुद्धता, स्वाद और पोषण में गिरावट आ सकती है.
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