Edible Oil Price: कीमतों पर काबू पाने के लिए बड़ा कदम, कच्चे खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी तक घटी

Edible Oil Price: कीमतों पर काबू पाने के लिए बड़ा कदम, कच्चे खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी तक घटी

Edible Oil Price: नए फैसले के तहत रिफाइंड ऑयल पर बेसिक कस्‍टम टैक्‍स 32.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बना हुआ है. वर्तमान में रिफाइंड ऑयल पर प्रभावी शुल्क 35.75 फीसदी है. उद्योग संगठन एसईए और भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) ने इस फैसले का स्वागत किया है. वे घरेलू प्रोसेसर्स की सुरक्षा के लिए कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच टैक्‍स अंतर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

Advertisement
कीमतों पर काबू पाने के लिए बड़ा कदम, कच्चे खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी तक घटीEdible Oil Price: सरकार के फैसले से मिलेगी उपभोक्‍ताओं को राहत

केंद्र ने शुक्रवार को कच्चे पाम ऑयल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर बेसिक कस्‍टम टैक्‍स घटाकर 10 फीसदी कर दिया है. सरकार के इस कदम का मकसद खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में कमी लाना और घरेलू प्रोसेसर्स को सिक्‍योरिटी मुहैया कराना है. इससे पहले इन तीनों कच्चे खाद्य तेलों पर टैक्‍स 20 प्रतिशत था. भारत अपनी घरेलू खाद्य तेल जरूरत का 50 प्रतिशत से ज्‍यादा आयात करता है. भारत ने ऑयल मार्केटिंग ईयर 2023-24 (नवंबर से अक्टूबर) के दौरान 159.6 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया. इसकी कीमत 1.32 लाख करोड़ रुपये थी. इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को तुरंत प्रभाव से नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. 

अब इतना होगा आयात शुल्‍क 

इस मामले पर केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि सरकार ने कच्चे खाद्य तेलों पर बेसिक कस्‍टम टैक्‍स 20 फीसदी से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है.  उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के सीईओ बीवी मेहता ने कहा कि कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर बेसिक कस्‍टम टैक्‍स पहले के 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है. इन तीनों प्रॉडक्‍ट पर प्रभावी आयात शुल्क (बेसिक कस्‍टम टैक्‍स और बाकी टैक्‍स समेत) अब 27.5 प्रतिशत के मुकाबले 16.5 प्रतिशत होगा. 

इंडस्‍ट्री ने किया स्‍वागत 

नए फैसले के तहत रिफाइंड ऑयल पर बेसिक कस्‍टम टैक्‍स 32.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बना हुआ है. वर्तमान में रिफाइंड ऑयल पर प्रभावी शुल्क 35.75 फीसदी है. उद्योग संगठन एसईए और भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) ने इस फैसले का स्वागत किया है. वे घरेलू प्रोसेसर्स की सुरक्षा के लिए कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच टैक्‍स अंतर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. देर रात जारी बयान में एसईए के अध्यक्ष संजीव अस्थाना ने कहा, 'कच्चे और रिफाइंड ऑयल के बीच शुल्क अंतर को 8.25 फीसदी से बढ़ाकर 19.25 प्रतिशत करने का सरकार का फैसला एक साहसिक और समय पर उठाया गया कदम है.' 

कहां-कहां से आयात होता तेल 

उनका कहना था कि यह रिफाइंड पामोलिन के आयात को हतोत्साहित करेगा और मांग को वापस कच्चे पाम ऑयल की तरफ लेकर जाएगा जिससे घरेलू रिफाइनिंग क्षेत्र में नई जान आएगी. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल पर टैक्‍स में कमी से घरेलू कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी जिससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा. मेहता ने बताया कि रिफाइंड पाम ऑयल का आयात हाल ही में बढ़ा है क्योंकि यह कच्चे पाम ऑयल से सस्ता है. भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया से पाम ऑयल आयात करता है. सोयाबीन तेल ब्राजील और अर्जेंटीना से आता है. 

कंज्‍यूमर्स को मिलेगी राहत 

आईवीपीए के अध्यक्ष सुधाकर देसाई ने कहा, 'हम कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच शुल्क अंतर को बढ़ाकर 19.25 फीसदी करने की आईवीपीए की सिफारिश को स्वीकार करने के लिए सरकार को धन्यवाद देते हैं.' देसाई ने कहा कि यह मेक इन इंडिया को सुनिश्चित करने और इस क्षेत्र को रिफाइंड तेलों के प्रवाह से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण साहसिक कदम है. इससे वनस्पति तेल क्षेत्र की क्षमता को नुकसान हो रहा है. मेहता ने कहा, ''यह वनस्पति तेल रिफाइनर और उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद स्थिति है क्योंकि कच्चे तेलों पर शुल्क कम होने से स्थानीय कीमत कम हो जाएगी.' 14 सितंबर, 2024 को कच्चे सोयाबीन तेल, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क 0 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया.  

यह भी पढ़ें-

POST A COMMENT