India-PAK Tension: भारत-पाक सरहद पर बाड़े के पार खेती शुरू हो गई है. पहलगाम हमले के बाद बाड़ के पार खेती बंद कर दी गई थी. भारत-पाक सीमा के गांव महवा में किसान काबुल सिंह ने कहा, हमें खुशी है कि बाड़ के पार खेती शुरू हो गई है. यह एक बड़ी राहत है क्योंकि कई किसानों की जमीन बाड़ के पार है. काबुल सिंह ने कहा, हम चाहते हैं कि बीएसएफ को किसानों के लिए गांव के सभी गेट खोलने चाहिए. अभी तक हमारे गांव में सिर्फ एक गेट खोला गया है. हम बीएसएफ अधिकारियों के आभारी हैं कि उन्होंने किसानों को बाड़ के पार अपनी जमीन तक पहुंचने की अनुमति दी है.
पंजाब में भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर पर स्थिति सामान्य हुई है और किसान बाड़ के उस पार अपने खेतों में जा सकते हैं. जिन किसानों की फसल तारों से आगे है, वे अपने खेतों में खेती करने जा सकते हैं. किसान रंजीत सिंह ने कहा कि तनाव कम होने के बाद सरहद पर खेती के लिए एक गेट खुल गया है जिससे वे बाड़ के उस पार अपने खेतों में जा सकते हैं. किसान रंजीत सिंह ने कहा कि दोनों देशों में तनाव होने के बाद काफी दिनों तक गेट बंद रहे, लेकिन अब हालात सामान्य हो गए हैं. फिलहाल एक गेट खुल रहे हैं, लेकिन महावा गांव के किसानों की मांग है कि तीनों गेट खुलने चाहिए.
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सरहद पर ही एक और किसान बलबीर सिंह ने कहा कि तनाव की वजह से लगभग एक महीने गेट बंद रहे, लेकिन अभी खुलने से राहत मिली है. उनकी खेती फिर से शुरू हो गई है. अब खेती तारों के पार भी शुरू हो गई है. उनकी मांग है कि अभी एक ही गेट खुला है, मगर तीनों गेट को खोल देना चाहिए. महावा गांव के ही किसान कांवल सिंह ने कहा कि भारत-पाक तनाव के बाद 22 तारीख को गेट बंद कर दिया गया था और 19 मई को बीएसएफ ने एक गेट खोला. किसान ने कहा कि वे बीएसएफ के अधिकारियों से विनती करते हैं कि एक गेट नहीं बल्कि सारे गेट खुलने चाहिए. महावा गांव में 107, 108 और 109 नंबर गेट है जिसमें एक ही खोला गया है.
किसान कांवल सिंह ने कहा कि बॉर्डर के किसी गांव में तीन गेट हैं तो किसी में चार तो कहीं एक गेट है. सरकार से विनती है कि सभी गेट खोले जाएं ताकि खेती का काम शुरू हो. एक गेट खोलने से थोड़ी राहत मिली है, मगर सभी गेट खुलने चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक सभी गेट नहीं खोले जाएंगे तब तक खेती नहीं होगी. एक गेट से खेती का कुछ नहीं होने वाला है. किसानों की फसल लेट हो गई है, अगर गेट आगे भी बंद रहे तो खेती में देर होगी.
किसान हरजीत सिंह ने भी यही बात कही. उन्होंने कहा कि एक गेट खुलने से कुछ राहत मिली है, पर सभी गेट खुलने चाहिए. इससे सभी किसानों को खेती में सुविधा होगी. किसानों ने कहा कि जब तक सारे गेट नहीं खुलेंगे, तब तक उनकी खेती जल्दी नहीं होगी. किसानों ने बताया कि अभी धान का सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में सरकार तीनों गेट खोले नहीं तो एक गेट से काम नहीं चलने वाला है. एक किसान ने बताया कि पिछले 20 दिन से गेट बंद थे तो तूड़ी बनने का काम बंद था. अब गेट खुलने के बाद तूड़ियां बन रही हैं और ट्रॉलियों से लाया जा रहा है.
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किसान कांवल सिंह ने कहा कि बाड़ के उस पार छह जिलों की जमीनें हैं और इसका आंकड़ा 21600 एकड़ है जिसमें खेती होती है. इसके अलावा वन विभाग की भी जमीन है.
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