हिमाचल के किसानों के लिए जरूरी सूचना, अपनी उपज बेचने के लिए मोबाइल नंबर से कराएं रजिस्ट्रेशन
आपको बता दें, किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए मंडियों और आढ़तियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. तब जाकर किसानों की फसल बिकती है. कई बार किसानों को उनकी फसल का सही भाव तक नहीं मिल पाता है. ऐसे में हिमाचल सरकार ने किसानों की समस्या को समझते हुए उपज बेचने के लिए पोर्टल की शुरुआत की है.
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने किसानों की कृषि उपज की खरीद-बेच के लिए एक खास पोर्टल बनाया है. किसान अपने मोबाइल नंबर का उपयोग करके इस पोर्टल पर खुद से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. किसान ओटीपी की मदद से वेरीफ़िकेशन करवा सकते हैं. उसके बाद ऑनलाइन उपलब्ध मंडी से लिंक कर अपनी उपज आसानी से बेच सकते हैं, वो भी घर बैठे. हिमाचल प्रदेश के कृषि और राजस्व विभागों के अंतर्गत अधिकारी ऑनलाइन पंजीकृत किसानों के वेरिफिकेशन के लिए पोर्टल का उपयोग करेंगे. कृषि विभाग और एफसीआई के अधिकारी रबी/खरीफ सीजन की कृषि उपज की खरीद, क्वालिटी जांच, बिक्री के बिल बनाने और किसानों को ऑनलाइन पेमेंट करने के दौरान पोर्टल का इस्तेमाल करेंगे. इसकी मदद से किसान घर बैठे मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. क्या है पूरी प्रक्रिया, आइए जानते हैं.
कैसे करवाएं रजिस्ट्रेशन
केवल अपना मोबाइल नंबर नोट करें. किसान रजिस्ट्रेशन मोबाइल नंबर पर आधारित है. एक मोबाइल नंबर पर केवल एक ही रजिस्ट्रेशन संभव है.
किसान के मोबाइल नंबर को लॉगिन के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए. वेरिफिकेशन के लिए हर बार इस मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा.
एक बैंक खाता केवल एक किसान के लिए उपलब्ध है. बैंक विवरण सावधानी से भरें, क्योंकि राज्य सरकार/एफसीआई इलेक्ट्रॉनिक रूप से बिक्री के लिए पैसे को मान्य करेगी.
फॉर्म जमा करने के बाद किसान रिकॉर्ड के लिए प्रिंट आउट जरूर लें.
किसान रजिस्ट्रेशन होने के बाद, मंडी में सफल प्लॉट किसान ऑनलाइन माध्यम से टोकन (मंडी और तिथि चुनें टिकट बुक करें) बना सकते हैं. यह बटन अलग-अलग किसानों के लिए अलग-अलग समय पर चालू किया जाएगा. किसान की जरूरतों और टोकन तिथि के अनुसार, टोकन स्टांप तिथि से 2 दिन पहले मंडी/तिथि के फिर से शुरू होने के लिए टोकन बनाया जा सकता है.
विभाग/एफसीएआई अपनी तिथियों को निलंबित या आग बढ़ाने का अधिकार सुरक्षित रखता है.
कृपया अधिक जानकारी के लिए अपने कृषि अधिकारी से संपर्क करें.
आपको बता दें, किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए मंडियों और आढ़तियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. तब जाकर किसानों की फसल बिकती है. कई बार किसानों को उनकी फसल का सही भाव तक नहीं मिल पाता है. ऐसे में हिमाचल सरकार ने किसानों की समस्या को समझते हुए उपज बेचने के लिए पोर्टल की शुरुआत की है. इसकी मदद से अब किसान लाभ उठा सकते हैं.