खेती में ड्रोन का इस्तेमाल करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, वर्ना हो सकता है भारी नुकसान  

खेती में ड्रोन का इस्तेमाल करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, वर्ना हो सकता है भारी नुकसान  

खेती का काम आसान करने वाले ड्रोन्‍स का इस्‍तेमाल कुछ लोग गलत काम के लिए भी कर सकते हैं. इसल‍िए सरकार को न‍ियम बनाना पड़ा है. अनमैन्‍ड एयरक्राफ्ट सिस्‍टम रूल, 2021 के तहत नागर उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन के इस्‍तेमाल के लिए गाइडलाइंस भी जारी की है. इसे उड़ाने के ल‍िए लाइसेंस लेना जरूरी है.

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खेती में ड्रोन का इस्तेमाल करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, वर्ना हो सकता है भारी नुकसान  जानिए खेती में ड्रोन इस्तेमाल करने से पहले किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

ड्रोन की लोकप्रियता काफी बढ़ रही है, क्योंक‍ि इसकी मदद से कई काम आसानी से हो रहे हैं. खेती-क‍िसानी करने में भी ड्रोन का खूब इस्तेमाल हो रहा है. फसलों पर कीटनाशकों और खादों के छ‍िड़काव के ल‍िए इसका भरपूर इस्तेमाल हो रहा है. जो काम घंटों का है वो म‍िनटों में हो रहा है. ड्रोन से छ‍िड़काव करने पर पानी भी बच रहा है और समय भी. ड्रोन को गांव-गांव तक पहुंचाने के ल‍िए कोश‍िश हो रही है. इसे खरीदने पर सरकार सब्स‍िडी दे रही है. लेक‍िन इसके इस्तेमाल के ल‍िए कुछ शर्तें तय की गई हैं. उन शर्तों को पूरा क‍िए ब‍िना कोई भी इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. ड्रोन का इस्तेमाल आज लगभग हर क्षेत्र में हो रहा है. खासतौर पर खेती, फोटोग्राफी और रक्षा क्षेत्र में इसका इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है. 

आसान करने वाले ड्रोन्‍स का इस्‍तेमाल कुछ लोग गलत काम के लिए भी कर सकते हैं. इसल‍िए सरकार को न‍ियम बनाना पड़ा. अनमैन्‍ड एयरक्राफ्ट सिस्‍टम रूल, 2021 के तहत नागर उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन के इस्‍तेमाल के लिए गाइडलाइंस भी जारी की है. यह नियम भारत में इस्‍तेमाल होने वाले हर तरह के ड्रोन के लिए लगाया गया है. ड्रोन उड़ाने की परम‍िशन इस बात पर भी निर्भर करती है क‍ि आपके पास किस तरह का ड्रोन है. इसे उड़ाने के ल‍िए लाइसेंस लेना जरूरी है.

ड्रोन उड़ाने की प्रमुख शर्तें 

अगर आप लाइसेंस और परमिट ले चुके हैं तो भी आपको ड्रोन उड़ाने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा. ज‍िसमें पहली शर्त यह है क‍ि क‍िसी भी प्रतिबंधित क्षेत्र में आप नहीं उड़ा सकते. ड्रोन चलाने का जो लाइसेंस म‍िलता है उसके ल‍िए 18 से 65 साल की उम्र होनी चाह‍िए. इच्छुक व्यक्ति को नागरिक उड्डयन महानिदेशक द्वारा निर्धारित प्रशिक्षण प्रक्रिया से गुजरना होगा. ड्रोन लाइसेंस आवेदक के पास कम से कम दसवीं या सामान्‍य स्‍तर के कोई दूसरी डिग्री होनी चाहिए. हाईटेंशन लाइन या मोबाइल टावर वाली जगहों पर ड्रोन उड़ाना है तो अनुमति लेनी होगी. ग्रीन जोन के क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से दवाई छिड़काव नहीं कर सकेंगे. ऐसा न‍ियम बना है.  खराब मौसम या तेज हवा में ड्रोन उड़ाने पर मनाही की गई है. बसावट के आसपास खेती होने पर ड्रोन उड़ाने की अनुमति लेनी जरूरी है.     

ड्रोन की श्रेणी के ह‍िसाब से है शर्त 

सरकार ने 250 ग्राम या इससे कम वजन वाले ड्रोन्‍स को नैनो ड्रोन्‍स कैटेगरी में डाला है. बताया गया है क‍ि इस तरह के ड्रोन्स को उड़ाने के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस या परम‍िशन की जरूरत नहीं होती. जबक‍ि 250 ग्राम से 2 किलोग्राम वजन वाले ड्रोन्‍स माइक्रो कैटेगरी में आते हैं. इसी प्रकार 2 किलोग्राम से ज्‍यादा और 25 किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन्‍स स्‍मॉल ड्रोन्‍स की कैटेगरी में आते हैं. इस तरह के ड्रोन को चलाने वाले व्‍यक्ति के पास ऑपरेटर परमिट-1 होना चाहिए. इसी तरह 25 किलोग्राम से ज्‍यादा और 150 किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन्‍स मीडियम कैटेगरी में आते हैं. जबकि लार्ज कैटेगरी में आने वाले ड्रोन्‍स का वजन 150 किलोग्राम से ज्‍यादा होना चाहिए. ऐसे को उड़ाने के लिए ऑपरेटर परमिट-2 होना चाहिए. इस तरह के ड्रोन को उड़ाने के लिए पहले एयर ट्रैफिक और एयर डिफेंस कंट्रोल से अनुमति लेनी होती है.

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