पराली प्रबंधन के मामले में यह जिला सबसे आगेइस बार अंबाला जिले के किसानों ने पराली न जलाने में शानदार पहल की है. जिले में 2.45 लाख एकड़ क्षेत्र में बिना आग लगाए पराली का प्रबंधन किया गया है, जो ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर दर्ज हुआ है. कृषि विभाग के मुताबिक, इस दिशा में किसानों की जागरूकता और सरकारी योजनाओं का बड़ा योगदान रहा है.
अंबाला में पराली प्रबंधन के लिए 1,200 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि पाने हेतु 42,386 किसानों ने रजिस्ट्रेशन किया है. लगभग 99% धान की कटाई भी पूरी हो चुकी है, जबकि कुछ क्षेत्रों में बासमती की कटाई अब भी चल रही है. यह दर्शाता है कि किसान पराली को जलाने के बजाय बेहतर विकल्प अपनाने के प्रति गंभीर हो रहे हैं.
किसानों ने पराली को जलाने के बजाय कई विकल्प अपनाए. इन-सीटू मैनेजमेंट के तहत 26,866 किसानों ने 1.64 लाख एकड़ में पराली को खेत में मिलाया, जिससे मिट्टी की सेहत में सुधार होता है. एक्स-सीटू मैनेजमेंट में 10,195 किसानों ने 55,600 एकड़ में पराली को मशीनों के माध्यम से एकत्र कर दूसरी जगह भेजा. वहीं, 5,325 किसानों ने 25,500 एकड़ में पराली को पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया. कृषि विभाग ने अब तक 67,730 एकड़ क्षेत्र का सत्यापन भी पूरा कर लिया है, और यह प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है.
अंबाला के उपनिदेशक कृषि डॉ. जसविंदर सैनी का कहना है कि रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है और सत्यापन तेज गति से चल रहा है. उन्होंने बताया कि 90% पराली का प्रबंधन सफलतापूर्वक हो चुका है. किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की सलाह दी जा रही है और FIR व पोर्टल पर रेड एंट्री जैसी सरकारी सख्ती ने भी किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया है.
17 नवंबर तक अंबाला में पराली जलाने के सिर्फ 6 मामलों की सूचना मिली है, जिनमें से एक मामला पंजाब क्षेत्र से था. पिछले वर्ष इसी अवधि में 87 मामले दर्ज हुए थे, जबकि पूरे सीजन में कुल 99 घटनाएं सामने आई थीं. इस बार विभाग द्वारा किए गए सत्यापन में किसी भी खेत में पराली जली हुई नहीं मिली, जो किसानों की बढ़ती जागरूकता और सरकारी प्रयासों के सफल परिणाम को दर्शाता है.
अंबाला जिले के किसानों ने इस बार पराली प्रबंधन का एक नया उदाहरण पेश किया है. सरकारी योजनाओं, प्रोत्साहन राशि और जागरूकता की वजह से किसान पर्यावरण की रक्षा, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और प्रदूषण कम करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. यह बदलाव न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है.
ये भी पढ़ें:
Paddy Procurement: पंजाब में इस हफ्ते धान खरीद होगी बंद, किसानों को हुआ 10,000 करोड़ का नुकसान
Irrigation Project: अब बुंदेलखंड में नहीं सूखेंगी फसलें, यूपी में 95 नए प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today