केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि-किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली के कृषि भवन में सीनियर अफसरों की मौजूदगी में ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत ग्रामीण विकास और भूमि संसाधन विभाग की योजनाओं-कार्यक्रमों की समीक्षा की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री चौहान ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे जलग्रहण विकास कार्यक्रमों को चलाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी आधुनिक तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करें. साथ ही मिट्टी और नमी संरक्षण डेटा के आधार पर निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) बनाकर गांव के लोगों और किसानों को सही सलाह दें.
बैठक में दीनदयाय अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पर चर्चा हुई, चौहान ने कहा कि लखपति दीदीयों की आजीविका एक आंदोलनकारी रूप है. महिला किसानों की संख्या में आशाजनक प्रगति हुई है, महिला किसानों की संख्या बढ़कर करीब साढ़े चार करोड़ हो गई है.
शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वाटरशेड विकास घटक (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) के तहत जलग्रहण विकास परियोजनाओं को जनांदोलन की तरह चलाया जाना चाहिए. आम जनता, जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों, कॉरपोरेट्स सहित सभी हितधारकों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए. बैठक में स्प्रिंगशेड विकास पर भी चर्चा हुई, जिसे लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्प्रिंगशेड विकास करें, ताकि आबादी को कम पानी उपलब्धता वाले महीनों में पानी उपलब्ध कराया जा सके.
चौहान ने अफसरों से कहा कि स्थानीय आबादी को पीने का पानी उपलब्ध कराने के अलावा, यह प्रमुख नदी प्रणालियों के जल प्रवाह को भी बढ़ाएगा, जो अंततः मैदानी क्षेत्रों में रहने वाली बड़ी आबादी की मदद करेगा. अन्य प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई अंतर्गत वाटरशेड विकास परियोजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए मनरेगा, आरकेवीवाई, पीडीएमसी, एमआईडीएच जैसी योजनाओं के साथ अधिकतम अभिसरण सुनिश्चित करें.
शिवराज सिंह ने दूध उत्पादन की मांग में वृद्धि के मद्देनजर आने वाली समय में महिलाओं को पशुपालन से जोड़ने पर भी जोर देते हुए कहा कि कृषि और पशुपालन पूरक है, महिलाओं को इसके दोहरे लाभ के बारे में बताते हुए कृषि और पशुपालन साथ-साथ करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है.
शिवराज सिंह ने कृषि भूमि के लिए डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) तथा शहरी भूमि सर्वेक्षण के लिए नक्शा (NAKSHA) कार्यक्रम के तहत प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान बताया गया कि डीआईएलआरएमपी के तहत अधिकारों के अभिलेख 99% तक कम्प्यूटरीकृत किए जा चुके हैं. भूकर मानचित्रों को लगभग 97% तक डिजिटाइज किया जा चुका है. उप रजिस्ट्रार कार्यालयों को 95 प्रतिशत तक कम्प्यूटराइज किया जा चुका है.
केंद्रीय मंत्री ने इस प्रगति की सराहना करते हुए आगे बेहतर प्रयास करने और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कार्यक्रम की जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से जन अभियान शुरू करने को कहा है. नक्शा (NAKSHA) कार्यक्रम को देश के 29 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में 152 शहरी स्थानीय निकायों में चलाया जा रहा है, जिनमें से 61 में एरियल फ्लाइंग का काम पूरा हो चुका है. केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिए कि शेष शहरी स्थानीय निकायों में भी एरियल फ्लाइंग कार्य निर्धारित समय-सीमा में जून 2025 तक पूरा करने के लिए कहा है.
बैठक में शिवराज सिंह ने राजस्व न्यायालयों की प्रक्रिया सरल किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इस संबंध में राज्यों के साथ समन्वय किया जाए, ताकि जनता को सहूलियत हो. केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने देश में भूमि अभिलेख डेटा को और पारदर्शी तथा सटीक बनाने के लिए अधिकारों के अभिलेखों में भूस्वामी का आधार संख्या, मोबाइल नंबर और उसका पता भी शामिल करने के निर्देश दिया और इस काम में तेजी लाने को भी कहा.
बैठक में मिशन अमृत सरोवर की समीक्षा की गई, जिसमें इसकी ठोस उपलब्धियों एवं गहन प्रभावों के बारे में बताया गया. मिशन अमृत सरोवर अंतर्गत देश में 50 हजार सरोवरों बनाने का लक्ष्य तय किया गया था, इसे पार करते हुए देशभर में 68 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण पूर्ण हो चुका है. अभियान के तहत लगभग 80 हजार पंचायत प्रतिनिधि और 65 हजार से अधिक उपयोगकर्ता समूह सक्रिय रूप से जुड़ चुके हैं. ये समूह सरोवरों के माध्यम से विविध प्रकार की आजीविका गतिविधियों- कृषि, मत्स्यपालन, पर्यटन व मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं.
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