सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में सब्जियों की ढेरों वैरायटी मिलने लगती है. वहीं, सब्जी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद भी होती है. लोग स्वस्थ रहने के लिए कई अलग-अलग प्रकार की सब्जियां खाते हैं. वहीं, पूरे साल मार्केट में सब्जियों की डिमांड रहती है. खास बात यह है कि सभी सब्जियों की कई अलग-अलग वैरायटी भी होती है. ऐसी ही एक ठंड के दिनों में मिलने वाली सब्जी है जिसकी वैरायटी का नाम प्राइड ऑफ इंडिया है. दरअसल, ये पत्ता गोभी की एक खास किस्म है. इसकी खेती के लिए नवंबर का महीना बेस्ट माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी उन्नत किस्में कौन-कौन सी हैं और कैसे करें इसकी खेती.
प्राइड ऑफ इंडिया किस्म: यह पत्ता गोभी की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है. इस पत्ता गोभी का आकार बड़ा होता है. इसका वजन एक से डेढ़ किलो का होता है. ये किस्म बुवाई के करीब 70 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है. वहीं, औसत पैदावार 20 से 28 टन प्रति हेक्टेयर है.
पूसा मुक्ता किस्म: इस किस्म का पत्ता गोभी गोल और सपाट होता है. इसके साथ ही यह माध्यम आकार का और हल्के हरे रंग का होता है. इस किस्म के प्रत्येक फल का वजन डेढ़ से दो किलो तक होता है. ये किस्म काली सड़न रोग के प्रति सहनशील है. इस वैरायटी की प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 10 से 12 टन तक पैदावार मिलती है.
अर्ली ड्रम हेड किस्म: यह जल्दी पकने वाली किस्मों में से एक है. इस किस्म की पत्ता गोभी चपटे और मध्यम से लेकर बड़े आकार की होती है. इसके प्रत्येक फल का वजन दो से तीन किलोग्राम का होता है. ये किस्म प्रति एकड़ 8 से 12 टन तक पैदावार देती है.
क्विस्टो किस्म: यह पत्ता गोभी की संकर किस्मों में से एक है. इस किस्म के फल आकार में गोल और सख्त होते हैं. इसके प्रत्येक फल का वजन तीन से पांच किलो तक होता है. ये किस्म रोपाई के 80 से 85 दिनों बाद तैयार हो जाती है. इस किस्म से प्रति एकड़ 14 से 16 टन तक उपज ले सकते हैं.
क्रांति किस्म: यह जल्दी तैयार होने वाली संकर किस्म है. रोपाई के बाद फसल को तैयार होने में महज 60 से 65 दिनों का समय लगता है. इस किस्म के एक फल का वजन करीब एक किलो तक होता है. प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर करीब 8 टन तक उत्पादन मिल सकता है.
पत्ता गोभी को वैसे तो हर प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी जिसमें नमी की अच्छी क्षमता हो, वहां पर पत्ता गोभी का उत्पादन बहुत अच्छा होता है. वहीं, पत्ता गोभी की खेती से पहले खेत की जुताई करना चाहिए. इसके बाद 20 से 30 टन गोबर और खाद प्रति हेक्टेयर मिट्टी में डालें. फिर पत्ता गोभी की बुवाई करें. बुवाई में ध्यान दें कि पौधे से पौधे के बीच दूरी जरूर रहे.
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