Agri Quiz: किस फसल की किस्म है शिखा, इसकी 5 उन्नत वैरायटी की पढ़ें डिटेल्स

Agri Quiz: किस फसल की किस्म है शिखा, इसकी 5 उन्नत वैरायटी की पढ़ें डिटेल्स

भारत में अलग-अलग फसलें अपनी अलग-अलग पहचान के लिए जानी जाती हैं. कई फसलें अपने अनोखे गुणों के लिए तो कई अपने स्वाद और खास पहचान के लिए जानी जाती हैं. ऐसी है एक फसल है जिसकी वैरायटी का नाम शिखा है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

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Agri Quiz: किस फसल की किस्म है शिखा, इसकी 5 उन्नत वैरायटी की पढ़ें डिटेल्सकिस फसल की किस्म है शिखा

भारत खेती-किसानी और विविधताओं से भरा देश है. भारत में अलग-अलग फसलें अपनी अलग-अलग पहचान के लिए जानी जाती हैं. कई फसलें अपने अनोखे गुणों के लिए तो कई अपने स्वाद और खास पहचान के लिए जानी जाती हैं. ऐसी है एक फसल है जिसकी वैरायटी का नाम है शिखा. दरअसल, ये वैरायटी मूंग की एक खास किस्म है. दलहनी फसलों में मूंग एक महत्वपूर्ण फसल है. वहीं, मूंग के दाल को हरा चना भी कहा जाता है. मूंग की खेती भारत के कुछ राज्यों में प्रमुख रूप से की जाती है. इसकी खेती किसान खरीफ और जायद दोनों सीजन में अलग-अलग समय पर करते है. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी 5 उन्नत वैरायटी के बारे में.

मूंग की 5 उन्नत वैरायटी

शिखा किस्म: मूंग की ये किस्म फाइबर और आयरन के साथ प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है. इसकी खेती खरीफ के साथ-साथ गर्मियों की फसल के रूप में भी की जा सकती है. इसकी खेती किसी भी प्रकार के मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन रेतीली और दोमट मिट्टी में खेती करने पर सबसे अच्छा उत्पादन होता है.

MH -1142: मूंग की एमएच-1142 किस्म को चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित किया गया है. यह किस्म 63 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म की उपज क्षमता 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. खरीफ में इसकी बुवाई का उपयुक्त समय जून से जुलाई तक है. यह किस्म उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में बुवाई के लिए अच्छी मानी जाती है.

पूसा विशाल: ये किस्म खरीफ मौसम में कम समय में अधिक उपज देने वाली एक किस्म है.  यह किस्म पूरे भारत में उगाई जा सकती है. पीला मोजेक रोग का प्रभाव इसके पौधों पर नहीं देखा जाता है. इसके बीज चमकीले हरे रंग के दिखाई देते हैं. इस किस्म की फसल लगभग 60 से 65 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. पूसा विशाल किस्म का प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन लगभग 15 क्विंटल है.

जवाहर मूंग-721: मूंग की यह किस्म मध्यम अवधि की उपज देने के लिए विकसित की गई है. इस किस्म को खरीफ और जायद दोनों मौसमों में उगाई जा सकती है. इस किस्म के पौधे बुवाई के लगभग 70 से 75 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. साथ ही इस किस्म से लगभग 12 से 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज ले सकते हैं. इसकी फलियों के एक गुच्छे में चार से पांच फलियां मिलती हैं. इसके पौधों पर येलो मोजेक और पाउडरी मिल्ड्यू रोग का प्रभाव नहीं देखा जाता है.

मूंग एमएच-421:  ये किस्म खरीफ में बुवाई के लिए उपयुक्त है. इस किस्म को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में बुवाई के लिए अच्छा माना जाता है. इसकी उपज क्षमता 10-12 कुंतल प्रति हेक्टेयर है और ये रोग प्रतिरोधक क्षमता, सहनशीलता और उत्पादन की दृष्टि से काफी अच्छी किस्म है. ये किस्म 65 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

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