कृषि विभाग ने कृषि उपज को बढ़ाने के प्रयासों के तहत उन्नत बीज एवं कृषि यंत्रों को किसानों तक पहुंचाने के लिए इन्हें सब्सिडी पर वितरित करने का कार्यक्रम शुरू किया है. इसका मकसद छोटे एवं सीमांत किसानों की आय में इजाफा करने के लिए उन्हें तकनीक आधारित खेती से जोड़ना है. विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अब ब्लॉक लेवल पर किसानों को उन्नत बीजों का वितरण किया जाएगा. इसके अलावा सब्सिडी पर कृषि यंत्र भी पर लेने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
कृषि विभाग के अनुसार यूपी में संकर बीजों के उपयोग से फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि किये जाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अन्तर्गत 20 मार्च से विकासखण्ड स्तर पर स्थापित 825 राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर विभिन्न बीज कंपनियों द्वारा स्टॉल लगाकर कर बीजों का विक्रय एवं वितरण प्रारंभ हो गया है.
इसके एवज में किसानों को मिलने वाली सब्सिडी की धनराशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी. इस पहल के तहत किसानों को जायद सीजन में संकर मक्का, संकर ज्वार एवं संकर बाजरा के बीज पर 10 हजार रुपये प्रति कुंतल केन्द्रीय योजना से तथा 5 हजार प्रति कुंतल राज्य सरकार की योजना से अधिकतम 50 प्रतिशत सीमा तक अनुदान मिलेगा. राज्य सरकार ने इस मद में कुल 20 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया है.
यूपी सरकार कृषि की लागत कम करने के लिए यंत्रीकरण को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए 10 हजार रुपये तक की कीमत वाले कृषि यंत्र सब्सिडी पर किसान ले सकेंगे. किसानों को इनका वितरण विकासखण्ड स्तर पर संचालित हो रहे राजकीय कृषि बीज भंडारों पर स्टाल लगाकर किया जाएगा.
इसके लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है. कृषि विभाग के पोर्टल पर किसान 20 मार्च को 11 बजे से पंजीकरण करा सकेंगे. इन यंत्रों पर सरकार द्वारा दिया जाने वाली सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी.
कृषि यंत्र बनाने वाली कंपनियां बीज भंडारों, किसान मेला एवं गोष्ठियों आदि में स्टॉल लगा कर 20 और 21 मार्च को 10 हजार रुपये तक की कीमत वाले कृषि यंत्र किसानों को बेचेंगी. सब्सिडी पर मिलने वाले इन यंत्रों में पावर स्प्रेयर, मानव चालित स्प्रेयर, पशु चालित कृषि यंत्र, मानव चलित चाफ कटर, ड्रम सीडर, इको फ्रेंडली लाइट ट्रेप,पंप सेट, उपज रखने के बखारी और पानी के पाइप आदि शामिल हैं.
विभाग ने बताया कि इन यंत्रों का वितरण जनपद वार निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार किया जाएगा. लक्ष्य की पूर्ति पर निगरानी करने की जिम्मेदारी जिले के उप कृषि निदेशक को सौंपी गई है.
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