unique waste management system: 'जीरो वेस्ट' में यकीन रखते हैं यहां के लोग, घर के गीले कचरे से बनाते हैं खाद

unique waste management system: 'जीरो वेस्ट' में यकीन रखते हैं यहां के लोग, घर के गीले कचरे से बनाते हैं खाद

अगर आप भी अपने घर और किचन से निकलने वाले वेस्ट यानी कि कूड़े कचरे को फेंक देते हैं तो साउथ दिल्ली की नवजीवन विहार सोसाइटी से आप बहुत कुछ सीख सकते हैं. इस सोसाइटी के लोगों ने बीते 6 सालों में एक भी ग्राम कचरा बाहर नहीं फेंका है. जी हां, आपने सही सुना!

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'जीरो वेस्ट' में यकीन रखते हैं यहां के लोग, घर के गीले कचरे से बनाते हैं खादZero waste

अगर आप भी अपने घर और किचन से निकलने वाले वेस्ट यानी कि कूड़े कचरे को फेंक देते हैं तो साउथ दिल्ली की नवजीवन विहार सोसाइटी से आप बहुत कुछ सीख सकते हैं. इस सोसाइटी के लोगों ने बीते 6 सालों में एक भी ग्राम कचरा बाहर नहीं फेंका है. जी हां, आपने सही सुना! इस सोसाइटी के लोग ‘ज़ीरो वेस्ट’ में यकीन रखते हैं. नवजीवन विहार की 250 से ज्यादा घरों वाली यह सोसाइटी दिल्ली को एक नई दिशा दिखा रही है. यहां हर घर अपने कचरे का पूरा प्रबंधन खुद करता है, ताकि एक भी ग्राम कचरा बाहर न जाए. 

एक ग्राम कचरा भी बाहर नहीं फेंका जाता
साउथ दिल्ली के मालवीय नगर में नवजीवन विहार रेसिडेंशियल सोसायटी के लोगों की सुबह की शुरुआत आमतौर पर सूखे कचरे और गीले कचरे को अलग करने से होती है. यहां के लोगों ने न सिर्फ कचरे को कम करने का तरीका निकाला है, बल्कि चीजों के Reuse का भी एक अनोखा सिस्टम बनाया है. किसी के घर में बचा हुआ खाना फेंका नहीं जाता बल्कि सोसाइटी के कॉमन फ्रिज में रखा जाता है, जहां से जरूरतमंद लोग इसे ले सकते हैं.

Zero waste

कचरे को खाद में बदला जाता है
सोसाइटी में रहने वाली महिलाओं का कहना है, यहां कुछ भी बेकार नहीं जाता. अगर किसी को कोई चीज चाहिए, तो हम पहले आपस में बांटते हैं. जो बच जाता है, उसे हम जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं. महिलाएं बताती हैं, सोसाइटी का गीला कचरा सोसाइटी में ही खाद (Compost) में बदला जाता है. यही खाद तीन बड़े गार्डनों को पोषण देती है, जिससे यह हमेशा हरे-भरे रहते हैं.”

सोसाइटी में बनी खाद होती है इस्तेमाल
इस गार्डन के केयर टेकर गोपा बनर्जी बताते हैं, हमारे गार्डन के लिए खाद बाहर से नहीं मंगानी पड़ती. जो गीला कचरा निकलता है, वही यहीं खाद में बदल दिया जाता है. इससे न सिर्फ पर्यावरण को फायदा होता है, बल्कि गार्डन भी लहलहाते रहते हैं. जीरो वेस्ट का फॉर्मूला इस सोसाइटी में लगभग 2 साल पहले शुरू हुआ था जब दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने यहां एक वर्कशॉप आयोजित की थी. तब तक लोगों को पता ही नहीं था कि ऐसा भी किया जा सकता है. बाद में सोसाइटी के लोगों में रिसर्च की और इसे करना शुरू किया.

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कैसे बनती है वेस्ट से खाद
बहुत से लोग किचन से निकले कचरे को फेंक देते हैं, लेकिन अब इससे खाद बनाई जा रही है. इसके लिए सबसे पहले आपको किचन वेस्ट को एक जगह पर इकट्ठा कर लें फिर इन छिलकों को धूप में अच्छे से सूखा लें. फिर दूसरे स्टेप में सारे सूखे छिलके को एक बाल्टी में डालें और उसमें गोबर और पानी का घोल भर दें. इसके बाद इस घोल को किसी ठंडे जगह पर रख दें और कुछ दिनों तक सुखाएं. इसे करीब 4-5 दिन तक सुखाएं, आपकी खाद बनकर तैयार है. आप इनका इस्तेमाल पौधों में कर सकते हैं.

रिपोर्ट- मनीषा लड्डा

 

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