
Farmers News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्कृष्ट मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रदेश के किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए सतत प्रयास किये जा रहे हैं. इसके लिए कृषि क्षेत्र में नवाचार, तकनीक प्रोत्साहन, निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रसंस्करण तथा विपणन को बेहतर बनाकर किसानों की लागत कम करने तथा आय बढ़ाने का कार्य प्रत्येक स्तर पर किया जा रहा है. उक्त बातें प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ में कृषक छात्रावास का लोकार्पण के दौरान कहीं. इस अवसर पर उन्होंने परिसर में व्यापक पौधारोपण कार्यक्रम में सहभागिता की, जिसमें विभागीय अधिकारी भी शामिल रहे.
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि प्रबन्ध संस्थान रहमानखेड़ा को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा. प्रदेश भर से खेती की नवीन तकनीकों का प्रशिक्षण लेने आने वाले किसानों की सुविधा को देखते हुए कृषक छात्रावास का निर्माण कराया गया था, जिसकी क्षमता को 330 से बढ़ाकर 430 कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि इस छात्रावास का निर्माण राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत किया गया है. विगत वर्षों में कृषि प्रबन्ध संस्थान रहमानखेड़ा में कृषकों, महिलाओं तथा अधिकारियों के लिए छात्रावास का निर्माण कराया गया है.
गुणत्तापूर्ण कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यहां पर पैक हाऊस का भी निर्माण कराया गया है. कृषि प्रबन्ध संस्थान रहमानखेड़ा में कृषकों को पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यान, श्री अन्न, पारंपरिक खेती आदि का प्रशिक्षण एकीकृत रूप से दिया जायेगा.कृषि मंत्री शाही ने परिसर में पौधरोपण कार्यक्रम में भी सहभागिता की. इसके अन्तर्गत कृषि मंत्री तथा अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा आंवला, मौसमी, शरीफा, अमरूद आदि के 100 पौधे रोपित किये.
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कार्यक्रम में उपस्थित लगभग 200 कृषकों को विशेषज्ञों द्वारा प्राकृतिक खेती, मिलेट्स उत्पादन, नवीन कृषि तकनीकी तथा खाद्य प्रसंस्करण के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी. इस दौरान कृषि मंत्री ने 5 प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया. वहीं अपर मुख्य सचिव कृषि उत्तर प्रदेश शासन डॉ देवेश चतुर्वेदी ने निर्देशित किया कि किसान पाठशाला की कार्य योजना के अनुसार चिन्हांकित प्रगतिशील कृषकों से भी किसानों की वार्ता कराई जाये, जिससे किसानो की बात किसानों के साथ हो सके. इसके लिए उस क्षेत्र के ऐसे प्रगतिशील कृषक जो कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हो तथा जनपद, राज्य अथवा राष्ट्र स्तर पर सम्मानित हुए हैं उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित कर उनसे कृषकों की वार्ता कराई जाए.
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उन्होंने कहा कि इन किसान पाठशाला में पराली प्रबंधन, प्राकृतिक खेती, पीएम प्रणाम व श्रीअन्न फसलों के साथ-साथ दलहन एवं तिलहन की उत्पादकता बढ़ाए जाने हेतु आवश्यक तकनीकी जानकारी कृषकों को दी जाए. इसके अतिरिक्त कृषकों को फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन के बारे में भी जानकारी दी जाए जिससे कृषक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से अपने आर्थिक स्थिति को उन्नयन कर सके. चतुर्वेदी ने यह भी निर्देशित किया कि कृषकों को नैनो यूरिया के प्रयोग के बारे में भी बताया जाए जिससे कृषक नैनो यूरिया के उपयोग से यूरिया के दानेदार उर्वरक से प्रतिस्थापित करने के लिए प्रेरित हो सकें.
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