Fertilizer Import: डीएपी-यूरिया के आयात में बंपर उछाल, क‍िसानों को क्या होगा फायदा?

Fertilizer Import: डीएपी-यूरिया के आयात में बंपर उछाल, क‍िसानों को क्या होगा फायदा?

इस साल खरीफ सीजन में किसानों को खादों की किल्‍लत न हो इसके लिए सरकार अभी से पर्याप्‍त स्‍टॉक के लिए आयात बढ़ाने पर जोर दे रही है. जनवरी महीने में विभ‍िन्‍न खादों के आयात में बढ़ोतरी देखी गई है. इससे साफ है कि इस बार किसानों को खाद के लिए लंबी लाइनों में जूझना नहीं पड़ेगा.

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Fertilizer Import: डीएपी-यूरिया के आयात में बंपर उछाल, क‍िसानों को क्या होगा फायदा? जनवरी में डबल हुआ खाद का आयात

जनवरी 2025 में डीएपी समेत कई खादों के आयात में उछाल देखा गया है, जिससे उम्‍मीद जताई जा रही है कि आगामी खरीफ सीजन आने तक सरकार के पास पर्याप्‍त स्‍टॉक होगा और किसानों को खाद के लिए परेशानि‍यों का सामना नहीं करना पड़ेगा. पिछले साल रबी सीजन में किसानों के बीच खाद को लेकर मारामारी की घटनाएं सामने आईं थीं. कई राज्‍यों में किसान गेहूं और सरसों फसल की बुवाई के लिए लगने वाली डीएपी खाद के लिए लंबी कतारों में खड़े रहे, लेकिन सरकार खाद की कमी से इनकार करती रही. हालांकि, अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 के दौरान खादों की रिकॉर्ड ब‍िक्री हुई थी.

रिकॉर्ड बिक्री को देखते हुए केंद्र सरकार ने खादों का आयात बढ़ाने का निर्णय लिया है. यही वजह है‍ कि‍ जनवरी में प्रमुख खादों आयात दोगुना होकर 12.31 लाख टन पहुंच गया. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में यूरिया का आयात 5.54 लाख टन दर्ज किया गया, जबकि‍ पि‍छले साल जनवरी में यह 3.63 लाख टन था.

कई गुना बढ़ा डीएपी का आयात

वहीं, जनवरी 2025 में 2.27 लाख टन डीएपी आयात किया गया, पिछले साल जनवरी में 0.44 लाख टन आयात किया गया था. इसके अलावा, म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) के आयात में भी भारी बढ़त देखने को मिली है, जो 1.45 लाख टन की तुलना में 2.19 लाख टन पहुंच गया. वहीं कॉम्प्लेक्स खाद का आयात 0.63 लाख टन से बढ़कर 2.31 लाख टन हो गया.

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लाल सागर में तनाव के चलते हुई परेशानी

बता दें कि रबी सीजन की शुरुआत से लेकर दिसंबर महीने की शुरुआत तक किसान डीएपी खाद के लिए परेशान हुए, जिसके बाद सरकार ने जवाब दिया कि लाल सागर में हालात सही नहीं होने के कारण खाद की खेप घूमकर दूसरे रास्‍ते से भारत पहुंच रही है. ऐसे में इसे आने में समय और खर्च तो बढ़ ही रहा है. साथ ही सप्‍लाई में भी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार इसके बावजूद समय-समय पर स्‍टॉक बनाए रखने को लेकर लेकर खाद मंगा रही है. 

खरीफ-रबी दोनों सीजन के लिए तैयारी

हालांकि, सीजन के दौरान डिमांड बढ़ने से स्थित‍ि नहीं संभली, जिससे सबक लेते हुए सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है, ताकि बाद में खरीफ सीजन में किल्‍लत न हो. अनुमान है कि सरकार खादों का आयात अक्‍टूबर महीने तक पर्याप्‍त मात्रा में करेगी, जिससे खरीफ और रबी दोनों सीजन में मांग पूरी की जा सके.

वहीं, केंद्र सरकार ने नए साल के पहले दिन ही किसानों को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि वह डीएपी पर मिलने वाली सब्सिडी जारी रखेगी और किसानों को 1350 रुपये में ही 50 किलो का बैग मिलेगा. सरकार ने कहा है कि डीएपी की अतिरिक्‍त कीमत सरकार चुकाएगी. जनवरी तक जहां हमारे पड़ोसी देश के किसानों को 3000 रुपये या इससे ज्‍यादा में 50 किलोग्राम डीएपी मिल रहा था, भारत में किसानों को इसके लिए सिर्फ 1350 रुपये ही चुकाने होंगे.

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