Organic Khad: घर पर बने इस जादुई लिक्विड से खेतों में उगेगा 'सोना', ऐसे तैयार करें जीवामृत

Organic Khad: घर पर बने इस जादुई लिक्विड से खेतों में उगेगा 'सोना', ऐसे तैयार करें जीवामृत

Organic Khad: सरकार प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती के लिए किसानों को मदद देती है. कई राज्‍यों में सब्सिडी के तहत जीवामृत को बढ़ावा दिया जाने लगा है. अब किसान सब्सिडी पर और कम लागत पर भी इसे तैयार करके ज्‍यादा से ज्‍यादा उपज का फायदा कमा रहे हैं. 

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Organic Khad: घर पर बने इस जादुई लिक्विड से खेतों में उगेगा 'सोना', ऐसे तैयार करें जीवामृतJeevamrit Making: कुछ राज्‍यों में जीवामृत पर सब्सिडी भी मिलती है

आज का दौर ऑर्गेनिक खेती का है और हर कोई आर्गेनिक खेती या फिर प्राकृतिक खेती की तरफ ही मुड़ रहा है. ऐसे में खेती से जुड़ी हर चीज को ऑर्गेनिकली या देसी विधि से ही तैयार किया जा रहा है. उर्वरक से लेकर कीटनाशक तक अब घर पर ही आसान विधि से तैयार होने लगे हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जिस पर खर्चा जीरो है लेकिन जो आपकी जमीन पर सोना तक उगाने में सक्षम है. हम बात कर रहे हैं एक ऐसे ऑर्गेनिक उर्वरक की जो फसल के लिए बेहद फायदेमंद होता है और जिससे किसानों को बंपर फसल मिल सकती है. 

सरकार की तरफ से मिलती सब्सिडी 

आपने पिछले कुछ समय से एक शब्‍द सुना होगा जीवामृत और आज हम आपको उसे घर पर बनाने की आसान विधि के बारे में बताते हैं. सरकार प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती के लिए किसानों को मदद देती है. कई राज्‍यों में सब्सिडी के तहत जीवामृत को बढ़ावा दिया जाने लगा है. अब किसान सब्सिडी पर और कम लागत पर भी इसे तैयार करके ज्‍यादा से ज्‍यादा उपज का फायदा कमा रहे हैं. 

कैसे बनाएं घर पर जीवामृत  

सबसे पहले जानिए कि आपको इस खाद के लिए किन-किन चीजों की जरूरत होगी.

  • 200 लीटर का प्लास्टिक का एक ड्रम
  • 10 किलो देसी गाय का गोबर
  • 10 लीटर पुराना गोमूत्र
  • एक किलो गुड़ या 4 लीटर गन्‍ने का रस
  • एक किलो बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी
  • एक किलो दाल का आटा
  • एक ढंकने का कपड़ा

कैसे तैयार होगा जीवामृत 

  • सबसे पहले 200 लीटर के एक ड्रम में सारी कच्‍ची सामग्री को मिला लीजिए. 
  • इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर एक लकड़ी की मदद से अच्छे से मिक्स कर लीजिए. 
  • अच्छी तरह मिलाने के बाद इस ड्रम को एक कपड़े से ढंक दीजिए ताकि ड्रम पर धूप सीधी न पड़े. 
  • अगले दिन फिर इस घोल को एक लकड़ी की मदद से हिला दीजिए और दिन में दो या तीन बार जरूर मिलाते रहें. 
  • आपको यह काम 5-6 दिन तक लगातार करते रहना है. 
  • 6-7 दिन के बाद आपको इस घोल में बुलबुले नजर आने लगेंगे और तब समझ जाइए कि जीवामृत तैयार हो गया है. 
  • जीवामृत को पूरी तरह से रेडी होने में कुछ ज्‍यादा दिन भी लग सकते हैं क्योंकि यह खाद पूरी तरह से तापमान पर निर्भर है.

कितने क्षेत्र पर आएगा काम 

आप जीवामृत को 15 दिनों तक प्रयोग कर सकते हैं क्‍योंकि इसके बाद इसकी क्षमता कम होने लगती है. गर्मी के दिनों में इसे तैयार करने में सिर्फ पांच दिन लग सकते हैं जबकि ठंड में समय ज्‍यादा लगता है क्‍योंकि तापमान बहुत कम होता है. 200 लीटर जीवामृत या चमत्‍कारी खाद एक एकड़ फसल के लिए पर्याप्‍त होता है. आप चाहें तो इसे सीधा फसल पर दे सकते हैं या सिंचाई के पानी के साथ दे सकते हैं. हर 15 दिन पर इसके इस्तेमाल की सलाह दी जाती है.  

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