हमारे देश में रबी सीजन वाली फसलें उगाई जाने लगी हैं. रबी सीजन की खास फसलों में गेहूं, सरसों और आलू का नाम सबसे पहले आता है. इस खबर में आपको आलू की खेती से जुड़ी वो तमाम बातें बताने जा रहे हैं जो आमतौर पर किसान अनदेखा कर देते हैं. हम ये जानेंगे कि एक एकड़ खेत में कितने किलो आलू के बीज की जरूरत होगी. इससे पहले खेत की जरूरी तैयारी के बारे में जान लेते हैं.
आलू की खेती का तरीका अन्य फसलों से काफी अलग होता है. इसकी खेती के लिए खेत की बेहतर तैयारी करनी चाहिए. खेत की अच्छी जुताई के बाद मिट्टी को बारीक करें और फिर सड़े हुए गोबर की खाद पलट लीजिए. एक एकड़ के खेत में 20-25 टन गोबर की खाद डाली जाती है.
ये भी पढ़ें: 5 रुपये प्रति लीटर की दर से गोमूत्र खरीद रही ये डेयरी, जानिए कैसे खड़ी हो रही करोड़ों की नई ग्रामीण अर्थव्यवस्था
इसके बाद खेत में पाटा चलाकर खेत समतल करें और छोटी-छोटी मेड़ें बनाना शुरू करें. 5-6 इंच की दूरी में मेड़े बनाई जाती हैं और 12-15 सेमी में बीजों की रोपाई करनी होती है.
आलू की खेती करने वाले किसानों की समस्या ये है कि उन्हें कई बार सही मात्रा का अंदाजा नहीं होता है. किसान कई बार ये नहीं समझ पाते हैं कि एक एकड़ के खेत में कितने आलू के बीज की जरूरत होती है? आपको बता दें कि खेत में कितना बीज बोना है ये पंक्ति से पंक्ति और पौधे से पौधे के बीच की दूरी पर निर्भर करता है. अगर आलू के बीज छोटे हैं तो एक एकड़ के खेत में 6-8 क्विंटल और बीज थोड़े बड़े हैं तो 10 क्विंटल के आसपास बीज की भी जरूरत होती है.
आलू के खेत में सिंचाई की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए. सप्ताह में 3 बार जरूर सींचें, इसके अलावा फास्फोरस, नाइट्रोजन और पोटास देने के लिए एक्सपर्ट की सलाह लें. एक महीने बाद जब पौधे बड़े हो जाते हैं तो उनपर क्यारियों की मिट्टी चढ़ाई जाती है. इसके अलावा आलू की फसल को कीट और रोग से बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव भी जरूरी होता है. इस तरह की देखभाल के बाद आलू की फसल तैयार होने में करीब 4 महीने का समय लगता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today