देश के कई राज्यों में किसानों को एक बोरी खाद खरीदने के लिए पुलिस की लाठियां खानी पड़ रही हैं. ऐसा ही मामला हरियाणा के हिसार जिले से आया है. दरअसल, इस जिले के श्यामसुख गांव में एक प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पैक्स) कार्यालय में डीएपी खाद की खरीद के दौरान किसानों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया. किसानों का कहना था कि खाद की कमी थी और उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे समिति कार्यालय पर इकट्ठा हुए तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया.
लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों का कहना है कि घंटों इंतज़ार के कारण भीड़ बेचैन हो गई और अफरा-तफरी मच गई, जिसके बाद पुलिस बुलानी पड़ी. किसानों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे एक किसान घायल हो गया. विरोध में किसानों के एक समूह ने दो पुलिसकर्मियों को पैक्स कार्यालय में बंद कर दिया और बाहर धरना दिया.
अग्रोहा थाना प्रभारी श्रद्धा सिंह अतिरिक्त पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचीं और किसानों को शांत कराया. हिरासत में लिए गए अधिकारियों को बाहर निकाला गया. घटना के बाद पैक्स कार्यालय के कर्मचारियों ने दिन भर के लिए कामकाज बंद कर दिया और खाद वितरण शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
इस मामले पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि किसान भारी बारिश से हुई फसलों की बर्बादी से पहले से ही परेशान थे. साथ ही किसान अब खाद की संकट का भी सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आगामी रबी सीजन की बुवाई के लिए उर्वरक की भारी कमी है. कार्यालय में डीएपी खाद की कमी तो है ही, अधिकारियों की लापरवाही के कारण स्थिति और भी खराब हो गई है.
रतन मान ने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए इसे लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों पर खुला हमला बताया. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों को अपनी आजीविका के लिए ज़रूरी सामान मांगने पर सज़ा दी गई. उन्होंने सरकार पर उचित उर्वरक वितरण तय करने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि इस तरह की कार्रवाई किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाती है. इसके अलावा उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की.
उकलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक नरेश सेलवाल ने भी घटना की निंदा की और घटना की जांच की मांग की. हालांकि, पुलिस प्रवक्ता विकास ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ है.
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