तेलंगाना के किसान पिछले कुछ महीने से यूरिया के संकट का सामना कर रहे हैं. मंगलवार को यहां पर किसानों ने प्रदर्शन किया जिसने अधिकारियों को खासा परेशान किया. यहां के महबूबाबाद और कोठागुडेम जिलों के कई मंडल मुख्यालयों पर किसानों ने यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति की मांग को लेकर रास्ता रोको प्रदर्शन किया. इनुगुर्थी मंडल में, यूरिया की बोरियां आने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में किसान सुबह से ही स्थानीय पैक्स पर कतारों में खड़े हो गए. हर किसान को सिर्फ एक ही बोरी दी गई, जबकि कई किसानों को एक भी बोरी नहीं मिली. इस वजह से किसान नाराज हो गए और उन्होंने विरोध में सड़क जाम कर दी.
मंडल कृषि अधिकारी भुक्या महेंद्र नाइक ने पुलिस की मदद से प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की. उन्होंने किसानों को समझाया कि नैनो-यूरिया को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. गुदुर मंडल मुख्यालय में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां किसान भारी बारिश के बावजूद यूरिया इकट्ठा करने के लिए आए. एक महिला किसान जिसका हाथ टूटा हुआ है, ने आरोप लगाया कि PACS के कई चक्कर लगाने के बावजूद उसे यूरिया नहीं दिया गया. इससे उसकी फसल बर्बाद हो गई.
वहीं नरसिंहुलापेट PACS में, किसानों ने यूरिया के लिए घंटों इंतजार किया. किसानों ने कांग्रेस सरकार पर समय पर सप्लाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो एक महीने से ज्यादा समय से इंतजार कर रहे हैं. एक समय तो उन्होंने PACS के गेट पर अधिकारियों को तब तक रोके रखा जब तक पुलिस ने हस्तक्षेप नहीं किया और वितरण के लिए टोकन जारी नहीं किए. कोठागुडेम के येलंडु पैक्स गोदाम में फिंगरप्रिंट मशीन की खराबी के कारण आपूर्ति रोक दी गई. इससे किसान नाराज हो गए और वितरण रोकने के लिए अधिकारियों पर भड़क गए.
दो दिन पहले ही मिरुदोड्डी मंडल के अलवाल गांव के किसानों ने भी यूरिया संकट की शिकायतें की थीं. यहां पर यूरिया की कमी के विरोध में तो किसानों ने कृषि अधिकारियों को रायथु वेदिका के अंदर ही बंद कर दिया. खाद खरीदने के लिए घंटों इंतजार कर रहे किसान, देरी से भड़क गए और अधिकारियों को परिसर में ही बंद कर दिया. पुलिस का एक बड़ा दल मौके पर पहुंचा और किसानों को समझा-बुझाकर उन्हें रिहा करवाया.
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