Barley Varieties: दिसंबर में जौ की इन किस्मों की करें बुवाई, होगी अच्छी पैदावार  

Barley Varieties: दिसंबर में जौ की इन किस्मों की करें बुवाई, होगी अच्छी पैदावार  

जौ की खेती (Cultivation of Barley) देश में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और जम्मू व कश्मीर में की जाती है. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सिंचित, असिंचित, क्षारीय और लवणीय जमीनों के लिए जौ की अलग-अलग किस्में (Varieties of Barley) अनुशंसित की गई हैं.

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Barley Varieties : दिसंबर में जौ की इन किस्मों की करें बुवाई, होगी अच्छी पैदावार  Cultivation of Barley

Barley Varieties : जौ की बुवाई का सही समय नवम्बर के प्रथम सप्ताह से आखिरी सप्ताह तक होता है, लेकिन जौ की बुवाई देरी से होने पर मध्य दिसम्बर तक की जा सकती है. जौ सिर्फ एक खाने वाला फसल ही नहीं है, बल्कि इसके अपने औषधी महत्व भी है. इसके सेवन से स्वास्थ्य बेहतर रहता है, इसके साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. जौ की खेती (Cultivation of Barley) देश में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और जम्मू व कश्मीर में की जाती है.

वहीं, देश में लगभग 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जौ की खेती (Barley Farming) होती है, जिसमें हर साल लगभग 16 लाख टन जौ का उत्पादन होता है. इसलिए किसानों को इसकी उन्नत किस्मों से ही बुवाई करनी चाहिए, ताकि इसकी उपज से भरपूर पोषण मिल सके. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सिंचित, असिंचित, क्षारीय और लवणीय जमीनों के लिए जौ की अलग-अलग किस्में (Varieties of Barley) अनुशंसित की गई हैं, जिनकी खेती करके किसान काफी अच्छा उत्पादन ले सकते हैं- 

सिंचित इलाकों के लिए जौ की उन्नत किस्में (Improved Varieties of Barley)

जौ की अगेती किस्में (Early Varieties of Barley): डी डब्लू आर बी- 52, डी डब्लू आर- 28, आर डी- 2552, आर डी- 2668, आर डी- 2503, आर डी- 2592 (राजस्थान) डी एल- 83, बी एच- 902, पी एल- 426 (पंजाब) आदि किस्मों की सिंचित इलाकों में खेती करने पर काफी अच्छी पैदावार मिलती है.

जौ की पछेती किस्में (Late Varieties of Barley): सिंचित इलाकों में जौ की पछेती किस्में आर डी- 2508 और डी एल- 88 आदि को खेती के लिए अच्छा माना जाता है.

असिंचित क्षेत्रों के लिए जौ की उन्नत किस्में: जौ की आर डी- 2508, आर डी- 2624, आर डी- 2660, पी एल- 419 (पंजाब) आदि किस्मों की खेती कर असिंचित या कम पानी वाले क्षेत्रों में भी बंपर उत्पादन ले सकते हैं. 

क्षारीय एवं लवणीय भूमि की किस्में: देश के जिन इलाकों की मिट्टी क्षारीय और लवणीय है, उन इलाकों में जौ के आर डी- 2552, डी एल- 88 और एन डी बी- 1173 आदि किस्मों की खेती की जा सकती है. 

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