अरहर (तुअर) खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख दलहनी फसल है. भारत में अरहर को अरहर, तुअर, रेड ग्राम और पिजन के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, अरहर की खेती हमेशा से किसानों के लिए फायदे का सौदा रही है. हालांकि बाजार के उतार-चढ़ाव में अरहर के दाम कम-ज्यादा होते रहते हैं. लेकिन अरहर की खेती करने वाले किसानों के सामने एक समस्या ये आती है कि ये फसल इतने लंबे समय की होती है कि किसान दूसरी फसलों की बुवाई नहीं कर पाता है.
लेकिन वैज्ञानिकों ने अरहर की कुछ ऐसी भी किस्में विकसित की हैं, जो न केवल कम समय में तैयार होती हैं, बल्कि उत्पादन भी अच्छा देती हैं. ऐसे में आज हम उन किसानों को अरहर की एक ऐसी किस्म के बारे में बताएंगे जो अपने बेहतर उत्पादन के लिए फेमस है. आइए जानते हैं उस उन्नत किस्म के कहां से ले सकते हैं बीज और क्या है उसकी खासियत.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन अरहर की उन्नत किस्म PA-6 का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
NSC best quality Arhar "PA-6" certified seeds are now available @ONDC_Official in 4 kg. bag
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) May 18, 2024
Avg Yield is 17-20Qtl/Ha and it is resistant to Wilt & SMD diseases.
Order now at https://t.co/rFLzhLT7fn#FarmSona @MundaArjun @AgriGoI @KailashBaytu @ShobhaBJP @mkaurdwivedi pic.twitter.com/QKJsgzAU3Q
PA-6 अरहर की एक अगेती किस्म है जिसकी खेती खरीफ सीजन की शुरुआत में ही की जाती है. इस किस्म में फसल की लंबाई छोटी और दाना मोटा होता है. यह किस्म 150 से 160 दिनों में पक जाती है और कटाई के लिए तैयार हो जाती है. वहीं, इसकी औसत उपज 1 टन प्रति हेक्टेयर तक है.
अगर आप भी अरहर की PA-6 किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म की बीज का चार किलो का पैकेट फिलहाल 31 फीसदी की छूट के साथ 640 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगी. इसे खरीद कर आप आसानी से अरहर की खेती कर सकते हैं.
ज्यादातर किसान अरहर की खेती छींटा विधि से करते हैं, जिससे कहीं ज्यादा तो कहीं कम बीज जाते हैं. इससे कहीं घनी तो कहीं खाली फसल तैयार होती है. इससे फसल में कमी आती है क्योंकि घना हो जाने से पौधों को उचित धूप, पानी और खाद नहीं मिल पाती है, इसके लिए किसान को 20 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज लगाने चाहिए. इससे बीज दर भी कम लगता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today