महाराष्ट्र के संभाजीनगर में बारिश से फसलें चौपट हो गई हैं. अभी तक बेमौसम बारिश की मार देखी गई थी. लेकिन अब मॉनसून शुरू होने वाला है जिससे फसलें और भी चौपट हो सकती है. खेती बर्बाद होने से किसान खाद की दुकानों पर भी नहीं जा रहे हैं.
खाद की दुकानों पर अभी सन्नाटा पसरा है. किसान की खेती-बाड़ी का काम बंद है, इसलिए वे खाद की दुकानों पर भी नहीं जा रहे हैं. इसकी वजह से खाद की दुकानवालों का कारोबार ठप हो गया है. दुकानों पर खाद दुकानदार दिन भर खाली बैठे रहते हैं.
व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष जगरनाथ काले ने कहा है कि अभी कई ऐसे किसान हैं जिन्होंने अपनी कपास नहीं बेची है क्योंकि बाजार में कपास का भाव बहुत कम है. इन किसानों के पास पैसा अभी नहीं है. इसीलिए वे दुकानों पर फर्टिलाइजर और दवाइयां लेने नहीं आ रहे हैं.
महाराष्ट्र में कई ऐसे इलाके भी हैं जहां की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है. किसानों को कपास का भाव नहीं मिल रहा है. किसान प्याज, टमाटर रास्ते पर फेंक रहे हैं. इसलिए किसान फिलवक्त खेती नहीं करना चाहता. दूसरी ओर, खेती में लगने वाले फर्टिलाइजर, दवाई और खेती के बीज भी महंगे हो गए हैं.
मराठवाड़ा की सबसे बड़ी जाधव मंडी में खाद, बीज, फर्टिलाइजर की दुकान मालिक का कहना है कि खेती में लगने वाली दवाइयां खरीदने के लिए किसान नहीं आ रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं और फसलें भी चौपट हो गई हैं.
संभाजीनगर के दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में अभी तक जितना कारोबार होता था, वह नहीं हो पा रहा है. कुछ दिनों में नई फसलों की खेती शुरू होगी. लेकिन उससे पहले खाद-बीज के कारोबार में कोई तेजी नहीं दिख रही है.
दुकानदारों का तर्क है कि जब तक किसानों के पास पैसे नहीं आएंगे, वे खेती पर खर्च नहीं करेंगे. हाल की बेमौसम बारिश ने प्याज, चना जैसी फसलों को चौपट कर दिया. किसान इन फसलों को बेचकर जो कुछ पैसा कमाते, वह विकल्प उनके हाथ से निकल गया है.(इसरार चिस्ती का इनपुट)
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