HAU के कृषि मेले से किसानों ने खरीदे 43 लाख रुपये के बीज, 83000 से ज्‍यादा अन्‍नदाता हुए शामिल

HAU के कृषि मेले से किसानों ने खरीदे 43 लाख रुपये के बीज, 83000 से ज्‍यादा अन्‍नदाता हुए शामिल

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय CCS-HAU में दो दिवसीय कृषि मेले में किसानों ने करीब 43.06 लाख रुपये के खरीफ फसलों और सब्जियों की उन्नत और सिफारिश किए जाने वाले किस्मों के प्रमाणित बीज और करीब 3 लाख 50 हजार रुपये के फलदार पौधे और सब्जियों के बीज खरीदे.

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HAU के कृषि मेले से किसानों ने खरीदे 43 लाख रुपये के बीज, 83000 से ज्‍यादा अन्‍नदाता हुए शामिलHAU की ओर से आयोजित किया गया कृषि मेला

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCS-HAU) में दो दिवसीय कृषि मेले का आज समापन हो गया. दो दिवसीय मेले में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के करीब 83000 से ज्‍यादा किसान शामिल हुए. मेले में किसानों ने करीब 43.06 लाख रुपये के खरीफ फसलों और सब्जियों की उन्नत और सिफारिश किए जाने वाले किस्मों के प्रमाणित बीज और करीब 3 लाख 50 हजार रुपये के फलदार पौधे और सब्जियों के बीज खरीदे.

बीज के अलावा किसानों ने 12580 रुपये के जैव उर्वरक और 45 हजार रुपये का कृषि साहित्य भी खरीदा. विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने यह जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि कृषि मेले में मिट्टी और पानी जांच की सुवि‍ध‍ा का लाभ उठाते हुए किसानों ने मिट्टी और पानी के 372 नमूनों की जांच करवाई. 

प्रदर्शनी में लगाए गए 258 स्‍टॉल 

संयुक्त निदेशक विस्तार डॉ. कृष्ण कुमार यादव  ने बताया कि मेले में लगाई गई कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी किसानों के आकर्षण का विशेष केन्द्र रही. इस प्रदर्शनी में कुल 258 स्टॉल लगाए गए. उन्नत किस्म के बीज, नवीनतम तकनीक, कृषि उपकरण, समेकित कृषि प्रणाली और कृषि क्षेत्र में उधमिता को बढ़ावा देना मेले  के मुख्य आकर्षण रहे.

मेले के आखिरी दिन बीज बिक्री केन्द्रों और स्टॉल पर किसानों की भारी भीड़ रही. सवाल-जवाब सत्र के दौरान किसानों और वैज्ञानिकों के बीच हुए संवाद के अलावा कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा देने पर विस्तृत चर्चा की गई. कार्यक्रम में लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के कुलपति प्रो. नरेश जिंदल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे.

'किसान कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाएं'

लुवास के कुलपति प्रो. नरेश जिंदल ने कहा कि किसान फसल उगाने तक सीमित ना रहकर कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाएं. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में उद्यमिता का विशेष महत्व है. उद्यमिता को बढ़ावा देने से आर्थिक विकास को गति मिलेगी और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए द्वार खुलेंगे. उन्होंने बताया कि उद्यमिता के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने तथा टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. इससे पोषण सुरक्षा, स्वास्थ्य, समग्र खाद्य सुरक्षा, सकल घरेलू उत्पाद में भी सुधार होगा. 

उन्होंने कहा कि एचएयू और लुवास के वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे शोध कार्यो का लाभ किसानों तक शीघ्र पहुंचे, ताकि वे लाभांवित हो सके. किसान राज्य सरकार द्वारा कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में क्रियांवित की जा रही योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आगे आएं. उन्होंने बताया कि मेले के माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई नवीनतम किस्मों व कृषि पद्धतियों को जल्दी से जल्दी किसानों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. इससे किसानों के फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी.

'HAU की नई किस्में अधिक पैदावार देने में सक्षम'

HAU की बनाई नई किस्में अधिक पैदावार देने वाली  और गुणवत्तापूर्ण है, जिसके कारण इनके उन्नत बीजों की हरियाणा सहित अन्य राज्यों में भी मांग है. कृषि क्षेत्र के समक्ष आ रही चुनौतियों जैसे भूमि की लवणता, भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी आना, भूजल स्तर का गिरना, क्षारीयता व जल भराव की स्थिति, जलवायु परिवर्तन तथा फसल उत्पादन में कीटनाशक और रासायनिक उर्वरकों का सिफारिश से अधिक प्रयोग शामिल हैं.

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