फूलों की खेती के टिप्सफूलों की खेती किसानों के लिए कमाई का एक बेहतर जरिया मानी जाती है. खासकर गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा और कमल जैसे फूल त्योहारों के मौसम में किसानों को अच्छा मुनाफा दिलाते हैं. लेकिन जैसे ही सर्दी का मौसम आता है, वैसे ही फूलों के पौधों पर कम फूल आने लगते हैं और उनकी चमक भी धीरे-धीरे घटने लगती है. इसका सीधा असर फूलों के उत्पादन और मंडी के दामों पर पड़ता है. इसी समस्या को लेकर किसान लगातार परेशान रहते हैं.
सर्दियों में तापमान गिरने के साथ फूलों की ग्रोथ प्रभावित होती है. कई बार ज्यादा पानी या पोषक तत्वों की कमी के कारण पौधों में गलन की समस्या भी देखने को मिलती है. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि किसान सही तकनीक अपनाएं, ताकि ठंड के मौसम में भी फूलों का उत्पादन और उनकी चमक बनी रहे. ऐसे में आइए जानते हैं किसान क्या करें.
एक्सपर्ट के मुताबिक, फूलों की खेती में पानी की जरूरत बहुत सीमित होती है. ज्यादा पानी देने से पौधे कमजोर हो जाते हैं और उनमें गलन की समस्या पैदा हो जाती है. ऐसे में जब तक पौधों को सही मात्रा में माइक्रोन्यूट्रिएंट और पोषक तत्व नहीं मिलते, तब तक न तो फूलों की ग्रोथ अच्छी होती है और न ही फूलों में जरूरी चमक आ पाती है. ऐसे में फूलों में चमक लाने के लिए बोरान, मोलिब्डेनम, जिंक, कॉपर, सल्फर और एनपीके जैसे पोषक तत्व बेहद जरूरी होते हैं. इनका संतुलित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए, चाहे वह छिड़काव के रूप में हो या बेसल डोज के रूप में. इससे पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है और फूलों की चमक लंबे समय तक बनी रहती है.
फूलों की खेती दो तरीकों से की जाती है. एक प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन के तहत, जहां पॉलीहाउस में फूल उगाए जाते हैं, और दूसरा खुले खेतों में. दोनों ही स्थितियों में सर्दी के मौसम में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है. किसानों को सीमित मात्रा में ही सिंचाई करनी चाहिए. इसके साथ ही मिट्टी में बेंटोनाइट सल्फर और जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट का प्रयोग करना चाहिए.
सर्दियों में नमी और ठंड के कारण फूलों के पौधों में गलन की समस्या आम हो जाती है. कई बार इसका असर सीधे फूलों पर भी पड़ता है, जिससे उत्पादन और क्वालिटी दोनों पर असर होता है. इस समस्या से बचाव के लिए किसानों को कार्बेंडाजिम और मैंकोजेब के मिश्रण का उपयोग करना चाहिए. इसकी 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर फूलों के पौधों पर छिड़काव करना चाहिए. इससे फफूंद जनित रोगों से बचाव होता है और फूलों का उत्पादन बेहतर होता है.
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर किसान सर्दियों में पानी और पोषण का सही संतुलन बनाए रखें, तो फूलों की खेती से अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है. इससे न सिर्फ फूलों की चमक बनी रहेगी, बल्कि मंडी में भी किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे. किसानों के लिए ये सभी टिप्स सर्दियों में फूलों की खेती को और भी लाभकारी बना सकती है.
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