मछली तालाब के लिए बड़ी समस्या हैं फालतू के पौधे, अभी उपाय करें वर्ना घट जाएगी कमाई 

मछली तालाब के लिए बड़ी समस्या हैं फालतू के पौधे, अभी उपाय करें वर्ना घट जाएगी कमाई 

तालाब के निर्माण में भले ही आप बहुत ज्‍यादा खर्च न करें लेकिन वह ऐसा हो जिससे आपको फायदा ज्‍यादा से ज्‍यादा मिले. आमतौर पर ऐसे तालाब जिनका प्रयोग न के बराबर है यानी उन तालाबों का प्रयोग जानवरों को नहलाने के लिए भी नहीं किया जाता है, वहां पर यह समस्‍या आम है. ऐसे तालाब अक्‍सर दलदल में तब्‍दील हो जाते हैं. साथ ही इनके आसपास बेकार के पेड़ पौधे उग आते हैं.

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मछली तालाब के लिए बड़ी समस्या हैं फालतू के पौधे, अभी उपाय करें वर्ना घट जाएगी कमाई मछली पालने वाले तालाब में बेकार के पौधों का उगना है खतरनाक

भारत में मछली पालन आज एक बड़े व्‍यवसाय के तौर पर मशहूर है. गांवों से लेकर बड़े शहरों में भी बड़े पैमाने पर तालाबों में मछलीपालन किया जा रहा है. मछली पालन में तालाब एक बड़ा रोल अदा करता है.  कई बार तालाब के निर्माण में एक छोटी सी गलती भी भारी पड़ जाती है. तालाब का निर्माण और उसके आस-पास की स्थिति यह बताती है कि मछली पालन किस हद तक सफल रहेगा. अक्‍सर मछली पालक इस बात से परेशान रहते हैं कि उनके तालाब के आसपास बेकार के पौधे इकट्ठा हो गए हैं. आज हम आपको बताते हैं कि इन बेकार के पौधों को कैसे हटाएं और अगर आपने इन पर ध्‍यान नहीं दिया तो कैसे यह आपकी कमाई को घटा सकते हैं. 

किस तरह के पौधे बनते हैं समस्‍या 

तालाब के निर्माण में भले ही आप बहुत ज्‍यादा खर्च न करें लेकिन वह ऐसा हो जिससे आपको फायदा ज्‍यादा से ज्‍यादा मिले. आमतौर पर ऐसे तालाब जिनका प्रयोग न के बराबर है यानी उन तालाबों का प्रयोग जानवरों को नहलाने के लिए भी नहीं किया जाता है, वहां पर यह समस्‍या आम है. ऐसे तालाब अक्‍सर दलदल में तब्‍दील हो जाते हैं. साथ ही इनके आसपास बेकार के पेड़ पौधे उग आते हैं. इस तरह के तालाबों में तीन तरह के पौधे पाए जाते हैं- 

  • पानी की सतह पर तैरने वाले पौधे जैसे कि जलखुम्‍भी, लेमना और एजोला. 
  • पानी के बीच में उगने वाले पौधे जैसे कि वैलिसनेरिया, हाईडिला, सिरटोफाईलम. 
  • तालाब की तली में उगने वाले पौधे जैसे कि आईपोमिया, कमल.  

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खतरनाक है तालाब में पौधों का उगना 

  • इन बेकार पौधों को निकालना बहुत जरूरी है. अगर ऐसा नहीं किया तो फिर मछली को घूमने में परेशानी होती है क्‍योंकि ये पेड-पौधे के एक बड़ा हिस्‍सा घेर लेते हैं. 
  • सूरज की रोशनी भी तालाब के अंदर नहीं पहुंच पाती है. इससे मछली के लिए खुराक का निर्माण नहीं हो पाता है. खुराक का निर्माण न होने पर उसका विकास रुक जाएगा. 
  • इस तरह के पौधे मिट्टी में रुकने वाले केमिकल के तौर पर पौष्टिक पदार्थों का प्रयोग अपने लिए करने लगते हैं जिससे पानी के पौष्टिक तत्‍व कम हो जाते हैं. 
  • मछली पकड़ने के समय पौधों की वजह से जाल में रुकावट पैदा होती है. 
  • कुछ पौधे एक खास तरह का जहरीला पदार्थ छोड़ते हैं जिससे मछलियों की मौत तक हो जाती है. 

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पौधों को कैसे हटाएं 

सभी पौधे हानिकारक नहीं होते हैं और कुछ पौधे मछलियों को गर्मी के मौसम में सहारा भी देते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार तालाब के एक तिहाई हिस्‍से में पौधों का होना हानिकारक नहीं है. तालाब में अगर ज्‍यादा मात्रा में पौधे हैं तो फिर उन्‍हें जाल लगाकर या फिर इंसानों की मदद से उखाड़ा जा सकता है. अगर आप चाहें तो ऐसी मछलियों का प्रयोग भी कर सकते ह‍ैं जो इन पौधों का प्रयोग खुराक के तौर पर करके इन्‍हें खत्‍म कर देती हैं. केमिकल का प्रयोग तलाबा में करने से बचना चाहिए क्योंकि यह मछली के लिए खतरनाक हो सकता है. 

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