वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में तीन दिनों तक चलने वाले किसान मेले की शुरुआत हो गई. यह मेला 5 फरवरी तक चलेगा. उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस मेले का उद्घाटन किया. किसान मेले में सात राज्यों से 3000 से ज्यादा किसानों के सम्मिलित होने का अनुमान है. वाराणसी के किसान मेले में यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश ,छत्तीसगढ़, बिहार झारखंड, उड़ीसा और हिमाचल प्रदेश के किसान सम्मिलित हुए हैं. यहां किसान सब्जी उगाने के उन्नत तरीकों की जानकारी ले रहे हैं. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा की उत्तर प्रदेश की सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है. आज ना देश केवल खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है बल्कि कृषि उत्पादों का निर्यात भी खूब हो रहा है जिससे किसानों को आर्थिक मजबूती मिल रही है.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 650 करोड़ रुपए की लागत से एक कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना का काम हो रहा है. कृषि विश्वविद्यालय से गोरखपुर की तराई इलाकों के जिलों को खूब फायदा होगा. इस कृषि विश्वविद्यालय के बारे में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि यहां पर फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुओं के लिए भी अलग महाविद्यालय की स्थापना होगी. वही मोटे अनाज के पैदावार को लेकर भी किसानों को विशेष मदद मिलेगी.
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भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार कांति बेहरा ने बताया कि देश में 330 मिलियन टन खाद्यान्न एवं 350 मिलियन तन बागवानी का उत्पादन हुआ है. आज देश न केवल खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बना है बल्कि विदेशों से कृषि उत्पादों का निर्यात भी खूब हो रहा है जिससे न सिर्फ सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. वहीं किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है. भविष्य में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन, भंडारण, कृषि से स्वरोजगार जैसे मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.
वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान की स्थापना 1992 में हुई देश का इकलौता अनुसंधान संस्थान है जो सब्जी को समर्पित है. यहां से अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा उन्नतशील किस्म का विकास हो चुका है. संस्थान के द्वारा विकसित तकनीक कभी किसानों को पूरा फायदा मिल रहा है. किसान मेले में आए हुए किसानों ने सब्जी अनुसंधान संस्थान की अलग-अलग किस्म का भी निरीक्षण किया और जानकारी हासिल की.
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