45 दिनों तक नहीं खराब होते मगही पान के पत्ते, जानें सुरक्षित रखने का तरीका

45 दिनों तक नहीं खराब होते मगही पान के पत्ते, जानें सुरक्षित रखने का तरीका

मगही पान को खास तरीके से प्रोसेसिंग करने के बाद डेढ़ से दो महीने से भी अधिक दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. आइए जानते हैं मगही पान को सुरक्षित रखने के क्या उपाय हैं. 

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45 दिनों तक नहीं खराब होते मगही पान के पत्ते, जानें सुरक्षित रखने का तरीकापान के खेत की सांकेतिक तस्वीर, फोटो साभार:pinterest

आप सब ने पान के पत्ते खाए होंगे या कभी न कभी जरूर देखा होगा. पान की दुकानों में पान को कपड़े में लपेट कर या पानी में डुबोकर रखा जाता है फिर भी अधिकतम 4-5 दिनों में पान के पत्ते खराब होने लगते हैं, लेकिन आज हम आपको ऐसे पान के बारे में बताएंगे, जिसे 45 दिनों से लेकर 60 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. बिहार सरकार के कृषि विभाग ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी है कि मगही पान को खास तरीके से प्रोसेसिंग करने के बाद डेढ़ से दो महीने से भी अधिक दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. आइए जानते हैं मगही पान को सुरक्षित रखने के क्या उपाय हैं. 

मगही पान की खास प्रोसेसिंग

मगही पान की खेती की बात करें तो यह कुछ खास जगहों पर ही की जाती है. इसमें से बिहार के कुछ खास जैसे नवादा, गया, नालंदा, शेखपुरा, औरंगाबाद और मगध जिले शामिल हैं, जहां बड़े पैमाने में पान की खेती की जाती है. इस पान को खेत से निकाल कर धो लें और सुखा लें और इसे अंधेरे कमरे में कोयले की आग में औसतन 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में 24 घंटे तक गर्म कर लें. ध्यान रहे पान को चूल्हे से लगभग 4 फिट ऊपर बांस पर लपेट कर रखना है.

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यह भट्ठी प्रोसेस लगभग 4 बार करना है, जिसके बाद इस पान को 45 से 60 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. हालांकि गया जिले के पान उत्पादक बताते हैं कि यह प्रोसेसिंग केवल ऑर्गेनिक तरीके से उगाए गए पान पर ही हो सकती है. रसायनों का उपयोग कर उगाए गए पान की प्रोसेसिंग नहीं करनी चाहिए.  

मगही पान को बनारसी पान में बदला जा सकता है

पान का जिक्र आते ही लोगों के मन में सबसे पहले बनारसी पान का नाम याद आता है. बनारसी पान के कई किस्से हैं. कई बार सिनेमा में भी इस पान का जिक्र किया गया है. आपको बता दें कि बिहार के कृषि विभाग ने बताया है कि मगही पान को खास प्रोसेसिंग के बाद बनारसी पान में बदला जा सकता है.प्रोसेसिंग के बाद हरे रंग से हल्के सफेद रंग में बदल दिया जाता है, जिसे बनारसी पान का नाम दे दिया जाता है. बिहार के किसानों ने इस तकनीक को सीखने के लिए बहुत दिनों तक कोशिश की थी बाद में नाबार्ड की सहायता से उन्हें इस प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण दिया गया. 

मगही पान अपने विशेष गुणों के कारण लोगों की पसंद बना हुआ है. इसके साथ ही इस पान के पत्तों पर कई तरह की प्रोसेसिंग कर इसे और विशेष बनाया जा रहा है. किसानों को बता दें कि इस पान की खेती करने के लिए कम से कम 300 वर्ग फिट में 90 हजार तक का खर्च आता है उसके बाद डेढ़ लाख तक की कमाई की जा सकती है. 

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