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मछली पालन के लिए चमत्कारी खाद है महुआ खली, तेजी से बढ़ता है जीरे का वजन

मछली पालन के लिए चमत्कारी खाद है महुआ खली, तेजी से बढ़ता है जीरे का वजन

बात करें महुआ खली के प्रयोग की तो इस खली को मौसमी तालाबों में मांसाहारी प्रजातियों और अन्य कीड़े-मकोड़ों को मारने के लिए किया जाता है. जिन तालाबों में हानिकारक मछलियां हों, उन तालाबों में मछलियों को मारने के लिए 2000 से 2500 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से महुआ खली का इस्तेमाल करना चाहिए.

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देश में किसान खेती के साथ बड़े स्तर पर मछली पालन भी करते हैं. इससे किसानों की अच्छी आमदनी होती है. वहीं, केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी मुहैया कराई जाती है. लेकिन सवाल उठता है, जब तक किसानों के पास मछली पालन से जुड़ी जरूरी जानकारी नहीं होगी, वो सही तरह से मछली पालन नहीं कर सकते हैं. ऐसे में किसानों को मछली पालन में आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसलिए आज हम मछली पालकों बताएंगे कि वो मछली पालन में चमत्कारी खाद महुआ खली का प्रयोग करें. ये भी जानेंगे कि इसके इस्तेमाल से तेजी से बढ़ता है जीरे का वजन.

महुआ खली खाद का करें प्रयोग

बात करें महुआ खली के प्रयोग की तो इस खली को मौसमी तालाबों में मांसाहारी प्रजातियों और अन्य कीड़े-मकोड़ों को मारने के लिए किया जाता है. जिन तालाबों में हानिकारक मछलियां हों उन तालाबों में मछलियों को मारने के लिए 2000 से 2500 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से महुआ खली का इस्तेमाल करना चाहिए. महुआ खली के प्रयोग से तालाब में रहने वाले हानिकारक जीव और छोटी मछलियां मर जाती हैं. मरने के बाद वो सारे जीव पानी के ऊपर आ जाते हैं जिसे आप छानकर हटा दें. आपको बता दें कि इससे बड़ी मछलियों को काफी फायदा होता है क्योंकि इससे मछलियों के वजन बढ़ने में भी मदद मिलती है.

अगर तालाब से हानिकारक जीवों और छोटी मछलियों को नहीं हटाया जाए तो बड़ी मछलियों का जीरा ठीक से नहीं बढ़ पाएगा और मछली पालन में घाटा उठाना पड़ सकता है. साथ ही तालाब की सफाई ठीक से नहीं हो तो मछलियों का जीरा नहीं बढ़ पाएगा. इसके लिए महुआ खली का प्रयोग किया जाता है.

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तालाब में चूने का भी करें प्रयोग

महुआ खली के प्रयोग में मछली पालक ये ध्यान दें कि इसके इस्तेमाल के बाद तालाब से 2 से 3 हफ्ते तक नए मछली को न डालें. वहीं महुआ खली डालने के तीन सप्ताह बाद तालाब में साफ पानी भरें. फिर उसमें 250 से 300 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से चूना डालें. दरअसल चूना डालने के पानी का पीएच मान नियंत्रित रहता है. साथ ही पानी स्वच्छ रहता है. तालाब में चूना डालने के एक सप्ताह बाद तालाब में गोबर की खाद डालना चाहिए.

तेजी से बढ़ता है जीरे का वजन

इन सभी कामों को करने के बाद तालाब में नए जीरे को डालें, फिर तालाब में महुआ खली खाद को डालें. इससे जीरे के वजन में तेजी से बढ़ोतरी होती है. इसके अलावा मछलियों का साइज बढ़ाने के लिए आहार के रूप में चावल की भूसी और सरसों की खली को बराबर मात्रा में मिला कर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. या फिर आप बाजार में मिलने वाले चारे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में आपकी मछली का वजन जल्दी बढ़ेगा.