Profit model: सब्जी की खेती के साथ है संभव है मछली पालन, इस कृषि विश्वविद्यालय ने तैयार किया किसानों की आय बढ़ाने का मॉडल

Profit model: सब्जी की खेती के साथ है संभव है मछली पालन, इस कृषि विश्वविद्यालय ने तैयार किया किसानों की आय बढ़ाने का मॉडल

धान की खेती के साथ-साथ मछली पालन करना भी किसानों की आय को बढ़ाने के लिए एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है. यूपी के आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कृषि  कि कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जिसके जरिए किसान धान और सब्जी की खेती के साथ-साथ मछली पालन भी कर सकता है

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Profit model: सब्जी की खेती के साथ है संभव है मछली पालन, इस कृषि विश्वविद्यालय ने तैयार किया किसानों की आय बढ़ाने का मॉडलधान और सब्जी की खेती के साथ है संभव है मछली पालन

किसानों की आय को बढ़ाने के लिए उन्हें अब तकनीकी के साथ-साथ इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. धान की खेती के साथ-साथ मछली पालन करना भी किसानों की आय को बढ़ाने के लिए एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है. यूपी के आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के  कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जिसके जरिए किसान धान और सब्जी की खेती के साथ-साथ मछली पालन भी कर सकता है. इस मॉडल को अपने से किसानों की आय दो गुना से भी ज्यादा बढ़ जाएगी. विश्वविद्यालय के परिसर में इस तरह के कुल चार तालाब बनाए गए हैं जिसमें अलग-अलग तरह के मॉडल को बनाया गया है. यहां किसानों का प्रशिक्षण भी सफलतापूर्वक कराया जा रहा है जिससे कि वे प्रोत्साहित हो सके.

धान के साथ-साथ मछली पालन के हैं बड़े फायदे

धान की खेती के साथ मछली पालन की यह तकनीक कोई नई नहीं है बल्कि सैकड़ो साल पुरानी है. वहीं अब उत्तर प्रदेश में भी धान के खेतों में मछली पालन का चलन सिद्धार्थ नगर, श्रावस्ती, बलरामपुर जैसे जिलों में तेजी से बढ़ने लगा है. धान के खेतों में मछली पालन करने से किसानों को जहां जरूरी पोषक तत्व हासिल होंगे तो वहीं मछलियों के माध्यम से अतिरिक्त आय भी मिलेगी. मछली पालन करने से खेतों में कीटों का नियंत्रण भी होता है. ऐसे में धान की खेतों में कीटनाशक की जरूरत नहीं पड़ती है जिससे फसल की लागत में कमी आएगी. धान के साथ मछली पालन करने वाले किसानों मुनाफा भी पहले के मुकाबले ज्यादा मिलेगा.

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धान की इन किस्म के साथ मछली पालन संभव

आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए धान की खेती के साथ-साथ मछली पालन के मॉडल तैयार किए हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में कुल 22 नए तालाब तैयार किये गए हैं. इन तालाबों में अलग-अलग मॉडल के जरिए मछली पालन के साथ-साथ खेती के मॉडल को भी तैयार किया जा रहा है. डॉ. बिजेंद्र सिंह ने किसान तक को बताया कि उनकी विश्वविद्यालय के घाघरा सेंटर के द्वारा जलमग्न ,जलपरी और जल माधुरी धान की तीन ऐसी किस्म है जो 4 फीट गहरे पानी में भी डूब कर भरपूर उत्पादन देती है. इन किस्म के साथ-साथ मछली पालन करना बेहद आसान है. वहीं उन्होंने बताया कि सब्जी की खेती की मॉडल को भी उन्होंने तैयार किया है. एक तालाब में धान ,सब्जी और मछली पालन किया जा रहा है. सब्जियों में तोरइ, लौकी, चिचिड़ा और करेला की सब्जी को उगाया जा सकता है.

इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम से बढ़ेगी किसानों की आय

इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम  खेती के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्रयास किया जा रहा है. इस सिस्टम के तहत धन सब्जी के साथ-साथ मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा इस तरह का सिस्टम तैयार किया जा रहा है जहां पर लाइव तरीके से किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

 

 

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