हमारे देश में रबी सीजन वाली फसलें उगाई जाने लगी हैं. रबी सीजन की बात करें तो इस साल की खास फसल गेहूं, जौ, सरसों और आलू हैं. आप जानते हैं कि इन खास फसलों को उगाने के लिए खाद-पानी की जरूरत होती है. अगर आप किसान हैं तो इस बात से अच्छी तरह वाकिफ होंगे कि रबी सीजन में बारिश नहीं होती है इसलिए पानी की व्यवस्था खुद से ही करनी होती है. किसान खेत में नदी, नहर, ट्यूबेल या बोरवेल से सिंचाई की व्यवस्था करते हैं. कई बार ऐसा हो जाता है जब किसान अपने खेतों में पानी नहीं पहुंचा पाते और खेत परती (बिना बुवाई के) रह जाता है. आपको ऐसी फसलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कम पानी या बिना पानी वाली जमीनों में भी तैयार हो जाती हैं.
चना दलहन फसल है और रबी सीजन की खास फसलों में शामिल हैं. चने को व्यावसायिक फसल के रूप में भी देखा जाता है. आपको बता दें कि इस फसल को उगाने के लिए बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है. एक से दो बार की सिंचाई के बाद भी चने की फसल तैयार हो जाती है. एक बार बुवाई के समय और दूसरी बार फूल आने के समय पानी देते हैं तो फसल अच्छी तरह तैयार होती है.
मसूर और मटर भी दलहन फसलें हैं और इनको भी रबी सीजन में ही उगाया जाता है. अगर आपके खेत में भी पानी नहीं रुकता और नदी-नहर की भी व्यवस्था नहीं है तो इन फसलों की बुवाई कर सकते हैं. इन्हें भी एक से दो बार की सिंचाई पर्याप्त मानी जाती है. एक-दो बार सर्द में बारिश हो गई तो फसलों के लिए फायदेमंद है.
अलसी रबी सीजन में उगाई जाने वाली सबसे खास फसलों में शामिल है. आपको बता दें कि ये तिलहन फसल है और इसकी बुवाई भी नवंबर-दिसंबर के दौरान की जाती है. अलसी भी संघर्ष के साथ तैयार होने वाली फसल है और इसे भी उगाने के लिए बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है. एक दो बार की हल्की सिंचाई भी फसल तैयार करने के लिए पर्याप्त है.
आपको बता दें कि रबी सीजन वाली फसलें सर्दी के दिनों में होती हैं. सर्दी के दिनों में रात के वक्त शीत गिरता है जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है. इसके अलावा ठंड के मौसम में धूप भी उतनी तेज नहीं होती इसलिए पौधों के सूखने की दिक्कत नहीं रहती. आपको बता दें कि कम पानी वाली जगहों के लिए ऊपर बताई गई फसलें बेहतर होती हैं.
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