किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर बागवानी फसल की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी खेती से मोटी कमाई करना चाहते है तो रंगबिरंगी शिमला मिर्च की खेती शुरू कर सकते हैं, क्योंकि रंगीन शिमला मिर्च की डिमांड दिनों दिन तेजी से बढ़ती जा रही है और इसमें लागत भी कम आती है. करनाल उद्यान विभाग की ओर से इंडो- इजरायल परियोजना के तहत बना सब्जी उत्कृष्ट केंद्र से किसान भाई/बहन इस खेती से जुड़ी तमाम जानकारियां ले सकते हैं. सब्जी उत्कृष्ट केंद्र के वेजिटेबल एक्सपर्ट डॉ लवलेश ने बताया रंगीन शिमला मिर्च केवल पॉली हाउस में उगती है और वहीं अच्छी पैदावार हासिल होती है. किसान पौध पर 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ भी ले सकते हैं.
कलर शिमला की का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सलाद में होता है. शादियों के सीजन में किसानों को इसका सबसे ज्यादा भाव मिलता है. किसानों को इस बात का खास ध्यान रखना है कि इसकी तोड़ाई कब करनी है. लवलेश ने कहा कि पॉली हाउस में जितना एरिया है उसमे किसान शिमला मिर्च लगा सकते हैं. दिल्ली में कलर शिमला मिर्च के सबसे अच्छे रेट मिलते हैं. बाकी मंडियों में रेट थोड़ा कम रहता है. बाजार में सबसे ज्यादा भाव लाल और पीली शिमला मिर्च का मिलता है. इसलिए हमने भी यहां पर दो किस्म की शिमला मिर्च के पौधे ज्यादा लगाए हैं.
उन्होंने कहा किसान भाई इस प्रकार की खेती करना चाहते है तो उनके लिए हरियाणा सरकार उद्यान विभाग की तरफ से उनके द्वारा स्थापित किए हुए केंद्रों से पौध खरीदने पर 50 प्रतिशत सबसिडी दी जाती है. उन्होंने कहा कि कोई भी किसान प्रशिक्षण लिए बगैर इस किस्म की खेती ना करे. यूट्यूब या सोशल मीडिया पर अधूरी जानकारी से खेती करने पर किसान फसल को संभाल नहीं पाते और फिर उनको नुकसान झेलना पड़ता है.
शिमला मिर्च 5 रंगों में मिलती हैं. इनमें लाल, पीली, बैंगनी, नारंगी और हरा रंग शामिल है, लेकिन सबसे ज्यादा मांग लाल और पीली की ही रहती है. शिमला मिर्च बेहद कम लागत में होने वाली एक ऐसी फसल है, जिसे उगाकर कोई भी किसान मोटा पैसा कमा सकता है. शादियों के सीजन के अलावा दिल्ली आजाद मंडी में इसकी भारी मांग रहती है. शिमला मिर्च बेहद कम लागत में होने वाली एक ऐसी फसल है, जिसे उगाकर कोई भी किसान उसकी अच्छे से मार्केटिंग कर मोटा मुनाफा कमा सकता है.
विशेषज्ञ डॉ लवलेश ने बताया कि रंगबिरंगी शिमलामिर्च की खेती पॉली हाउस और नेट हाउस में ही की जाती है. सबसे पहले बीज से इसकी पौध तैयार की जाती है. अगस्त के महीने में इसको पॉलीहाउस में ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है. एक एकड़ में करीब 10 हजार पौध लगाई जा सकती है.
ध्यान रहे एक एकड़ में बने नेट हाउस में 50 प्रतिशत लाल और 50 प्रतिशत पीली शिमला मिर्च की पौध लगाएं, क्योंकि जब हम जोड़े में इस फसल को बेचने जाते है तो 20 से 30 रुपये इसका दाम ज्यादा मिलता है. उन्होंने बताया कि इसकी खेती में बीमारी की समस्या नाम मात्र रहती है, लेकिन कीट की समस्या आती है, जिसको बड़े आसान तरीकों से कंट्रोल किया जा सकता है. एक पौधे से डेढ़ से तीन किलो तक शिमला मिर्च की तुड़ाई हो जाती है.
विशेषज्ञ डॉ लवलेश के अनुसार, रंग-बिरंगी शिमला मिर्च बाजार में हरी शिमला मिर्च के मुकाबले काफी ज्यादा कीमत में बिकती हैं. लोकल मार्किट में रंगबिरंगी शिमला मिर्च का एवरेज रेट 100 से 120 रुपये और बड़े मार्केट में 250 से 300 रुपये प्रति किलो मिल जाता है. इसलिए किसान अपनी फसल की बड़ी मंडी में ही मार्केटिंग करें तो ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today