बकरे और बकरियों पर गहन रिसर्च के लिए अपनी खास पहचान बनाने वाला मथुरा का केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG) जल्द ही एक और बड़ी कामयाबी हासिल करने वाला है. संस्थान की इस रिसर्च का फायदा उन किसानों को होगा जो बकरों को मीट के लिए पालते हैं, इस रिसर्च से ऐसे किसानों की इनकम डेढ़ से दो गुनी हो जाएगी. संस्थान के सीनियर साइंटिस्ट का दावा है कि आने वाले एक साल में उनकी रिसर्च पूरी हो जाएगी और इसका फायदा आम किसान भी उठा सकेंगे. सीआईआरजी के सीनियर साइंटिस्ट एसपी सिंह ने बताया कि सीआईआरजी के दैहिकी जनन और प्रबंधन विभाग में एचओडी एसडी खर्चे के निर्देशन में हम पिछले डेढ़ साल से जीन एडिटिंग पर रिसर्च पर काम कर रहे हैं. इसके तहत बकरे-बकरी की किसी एक नस्ल पर काम चल रहा है. हम अपनी रिसर्च में उस बकरे और बकरियों के जीन को एडिट कर रहे हैं.
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