
उत्तर प्रदेश आम के उत्पादन में देश में सबसे आगे है. इसी बीच आम की बागवानी करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश की पहली फ्रूट बैग कवर (Fruit Cover Bag) यानी मैंगो बैगिंग यूनिट स्थापित की गई हैं. इससे आने वाले वक्त में आम की बागवानी करने वाले किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव संघ उपेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी. सिंह ने बताया कि लखनऊ के कुर्सी रोड पर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में मैंगो बैगिंग यूनिट की फैक्ट्री लगाई गई है. यहां मैंगो बैग बनाया जाएगा. पहले किसान हैदराबाद से मैंगो बैग की खरीदते है, लेकिन अब यूनिट लग जाने से इसका प्रोडक्शन लखनऊ में होगा. इस मशीन को हैदराबाद की एक निजी कंपनी ने लगाया हैं. तथा इसकी देखरेख सुजीत और मयंक के निर्देशन में किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस मशीन की खासियत हैं कि एक मिनट में 300 से 400 बैग बनाकर निकाल देगी. इससे पहले हम लोगों ने 1.80 पैसे एक बैग को आंध्र प्रदेश से खरीदा था. लेकिन अब लखनऊ में फैक्ट्री लगने के बाद ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि एक बैग 1.50 रुपये में मिल जाएगा. उपेंद्र सिंह ने बताया कि कंपनी के द्वारा अभी एक बैग की कीमत फिक्स नहीं की गई है.
जल्द ही यह फैक्ट्री मलिहाबाद में शिफ्ट हो जाएगी. उन्होंने बताया कि पहले आंध्र प्रदेश से इन मैंगो बैग को खरीदना बहुत महंगा पड़ जाता था, लेकिन अब लखनऊ में इसके बनने से आम की बागवानी करने वाले लाखों किसानों को बहुत बड़ा फायदा होगा. इस साल मैंगो बैग की बिक्री बहुत ज्यादा होगी.
अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव संघ उपेंद्र सिंह बताते हैं कि केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिक ने अपने परिसर में आम के ऊपर इस तरह के कवर लगाकर किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं. फ्रूट कवर बैग से कीटो और रोगों से फलों का बचाव होता है. आंधी और मौसम की प्रतिकूल प्रभाव से भी सुरक्षा मिलती है. कवर लगे होने के चलते फलों में फ्रूट फ्लाई, हापर, मिज, थ्रिप्स जैसे कीट भी नहीं पहुंच पाते हैं जिससे फल पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं.
वहीं इनसे फल का आकार बड़ा और स्वाद भी अच्छा होता है. निर्यात करने के लिए फ्रूट कवर बैग तकनीक से तैयार किए गए फल उपयुक्त रहते हैं जिसके चलते किसानों को अच्छा दाम भी मिलता है. दशहरी आम का अमेरिका को निर्यात होना न सिर्फ मलिहाबाद बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है.
उन्होंने बताया कि 50 लाख से अधिक बैगिंग वाले किसान आज मौजूद है, यानी डेढ़ हजार हेक्टेयर हम लोगों के पास बैगिंग वाले दहशरी आम के किसान है. नान बैगिंग वाले आम की कीमत मार्केट में कम मिलती है. जबकि बैगिंग वाले आम की वैरायटी की मार्केट में बहुत अधिक डिमांड रहती है.
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