Agri Drone: राजेंद्र दास के ड्रोन कर रहे कमाल, किराए पर ले रहे किसान, काम हो रहा आसान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Agri Drone: राजेंद्र दास के ड्रोन कर रहे कमाल, किराए पर ले रहे किसान, काम हो रहा आसान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

ओडिशा के रहने वाले राजेंद्र कुमार दास ने किसानों की खेती-बाड़ी में होने वाले समस्या को देखते हुए ड्रोन बनाया है. इसे वह सस्ते दामों पर किसानों को खेतों में खाद छिड़काव के लिए किराए पर देते हैं. वहीं वह अपने ड्रोन को बेचते भी हैं.

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Agri Drone: राजेंद्र दास के ड्रोन कर रहे कमाल, किराए पर ले रहे किसान, काम हो रहा आसान, पढ़ें पूरी रिपोर्टकिसानों की समस्या से निदान के लिए शख्स ने बनाया रोबोटिक ड्रोन

ओडिशा के भद्रक जिले के जिरिना गांव के रहने वाले राजेंद्र कुमार दास ने किसानों के लिए एक अच्छी पहल और बेहतर काम किया है. दरअसल दास ने किसानों की परेशानियों को देखते हुए एक रोबोटिक ड्रोन बनाया है. दास एक शिक्षक का बेटे हैं, लेकिन उन्होंने देखा था कि किसान कितनी परेशानियों में खेतों में काम करते हैं. जब उन्हें फसलों के लिए उर्वरक या कीटनाशक का उपयोग करना होता है, तो अक्सर कम संसाधन होने की वजह से और हाथों से खाद का छिड़काव करने में कभी-कभी मात्रा बहुत अधिक हो जाती है तो, कभी-कभी, बहुत कम और इससे फसलों को नुकसान होता है. वहीं हैंडलर या स्प्रे मशीन किराए पर लेना या खरीदना किसानों के लिए महंगा पड़ता है.

इस वजह से एक किसान एक दिन में सीमित संख्या में ही अपनी खेतों में खाद डाल सकता है. इसके अलावा किसानों को पौधों पर दवाओं का छिड़काव करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा होती हैं. इन्हीं सब परेशानियों को देख दास ने किसानों की मदद के लिए ड्रोन बनाया है.  

किसानों के लिए बनाया ड्रोन

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करते समय दास अक्सर किसानों की इस समस्या का हल करने के लिए ड्रोन का उपयोग करने के बारे में सोचते थे. तब उन्हें ये एहसास हुआ कि पारंपरिक ड्रोन काम नहीं करेगा.  उन्होंने एक ड्रोन को अनुकूलित करने और कृषि के लिए इसका उपयोग करने की परियोजना शुरू की. फिर उन्होंने उस पर बहुत अच्छा काम किया.

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दरअसल उनके विचार में ड्रोन में इमेज प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर के साथ सेंसर का उपयोग करना शामिल था. इससे  ड्रोन पूरे फसल क्षेत्र को स्कैन करेगा और इसे कीट द्वारा नुकसान की सीमा के आधार पर तीन क्षेत्रों. हरा, पीला और लाल  में विभाजित करेगा. इसके बाद यह प्रत्येक क्षेत्र पर आवश्यक मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव करेगा.

सरकार से मिला सहयोग

2019 में, स्नातक होने के तुरंत बाद,अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी करने के बजाय दास ने भुवनेश्वर में एक ड्रोन बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने इसे दारुब्रह्म ऑटोमेशन रोबोटिक्स का नाम दिया. उन्हें इसके लिए ओडिशा सरकार की स्टार्टअप नीति प्रोत्साहन और राज्य के KIIT-टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर से भी सपोर्ट मिला.

दास ने बताया कि उनके ड्रोन ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश , गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 30,000 एकड़ कृषि भूमि को कवर किया है. वो ड्रोन पांच से 25 लीटर नैनो उर्वरक या कीटनाशक ले जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसका उपयोग चावल, मिर्च, कपास, आम, काजू, मूंगफली, गन्ना और चाय जैसी फसलों पर किया जाता है.

मोबाइल ऐप किया जा रहा विकसित 

वर्तमान समय में दास के पास 45 कर्मचारी हैं. उनकी टीम कई तरीकों से किसानों तक पहुंचती है. कुछ किसान ड्रोन खरीदते हैं. वहीं अन्य लोग इसे 350-400 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से किराए पर लेते हैं. उनके ड्रोन ग्राहकों में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) भी शामिल है.

कंपनी ने ड्रोन एग्रीगेटर सेवाएं प्रदान करने के लिए एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया है. जैसे लोग ओला और उबर कैब के लिए करते हैं. दास ने कहा कि इसके लिए वो जल्द ही ऐप लॉन्च करेंगे, इससे जब कोई किसान किसी विशेष तिथि और समय के लिए ड्रोन बुक करेगा, तो हमारा ड्रोन जो किसान के गांव के सबसे करीब होगा, वहां पहुंचेगा और काम पूरा करेगा. दास अब ऐसे ड्रोन पर काम कर रहे हैं जो 20 किलो तक वजन उठा सकता है.  उनका कहना है कि  इससे रक्षा बलों को मदद मिलेगी. 

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