सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टीकल्चर (CISH) के डायरेक्टर डॉ टी दामोदरम ने कहा- यूपी का आम वैश्विक पहचान बना चुका है. उन्होंने कहा कि 1972 में हमने आम रिसर्स सेंटर की शुरुआत की थी. इसके बाद लखनऊ में 1984 में केंद्र की शुरुआत हुई. आम के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर वन है. सबसे ज्यादा संरक्षित आम की प्रजातियां CISH के पास हैं. हमारे पर हर किस्म का आम मिलेगा.
उन्होंने कहा कि आम में फूल नहीं आने में जलवायु और टेंपरेचर बहुत जरूरी है. इस साल मौसम ने साथ दिया तो हम उत्पादन में बढ़िया करेंगे. किसानों का पेड़ मर रहा है, इसे रोकने के लिए हम टेक्नोलॉजी लेकर आ रहे हैं.
डॉ टी दामोदरन ने कहा आम की कंटाई छंटाई को कुल्हाड़ी आरी से मनामाने तरीके से काट नहीं सकते हैं, इसके लिए सही तरीका है. सरकार ने पेड़ों की कटाई के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं. सही कटाई-छंटाई उत्पादन बढ़ाती है. निर्यात के लिए आम की सेल्फ लाइफ बनानी है, निर्यात के लिए शिपमेंट में रसिया, मलेशिया में एक्सपोर्ट हो रहा है.
यूपी कृषि उत्पादन आयुक्त और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने कहा, आज अगर आम की उपज कम हुई है तो उसके पीछे वजह है कि सही ढंग से आम की कटाई-छंटाई नहीं कर रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि किसान आम के बागों की सही तरीके से कटाई-छंटाई करें. इसमें आम को जड़ से नहीं काटना है, लेकिन अगर किसान टहनियों की कटाई करना चाहता है तो उसके लिए शासन से आदेश की जरूरत नहीं है. कटाई के लिए किसानों को ट्रेनिंग भी दी जानी चाहिए. मनोज सिंह ने कहा कि किसानों को ट्रेनिंग देने पर जो खर्च आएगा, उसे यूपी बागवानी विभाग की तरफ से दिया जाएगा.
इसी प्रोग्राम में सीएसए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कानपुर के वाइस चांसलर ड़ॉ आनंद कुमार सिंह ने बताया कि किसानों की आमदनी दोगुनी ही क्यों, पांच या छह गुना तक बढ़ाई जा सकती है बशर्ते कि खेती को ज्ञान और विज्ञान से जोड़ा जाए.
सीएसए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वीसी ड़ॉआनंद कुमार सिंह ने किसान तक आम सभा में कहा कि अगर किसानों का बच्चे को अच्छे यूनिवर्सिटी, कॉलेज या शिक्षण संस्थानों में अच्छी पढ़ाई के लिए किसानों की कमाई बढ़ाना जरूरी है. आज सरकार इसमें बड़ी मदद कर रही है. खेती-किसानी से लेकर ट्रेड तक में सरकार से मदद मिल रही है. सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है. किसानों के हाथों में आज मोबाइल फोन है. कई पोर्टल और वेबसाइट हैं जहां से किसान जानकारी लेकर किसान खेती को टिकाऊ बना सकते हैं. इससे किसानों की आय डबल ही नहीं बल्कि तीन गुना से लेकर पांच-छह गुना तक कर सकते हैं. ऐसे कई किसानों की लिस्ट हमारे पास है जहां के किसानों की इनकम कई गुना तक बढ़ी है क्योंकि उन्होंने फसल का विविधिकरण किया, व्यवसाय बढ़ाया और जागरूरता पर ध्यान दिया. जब तक ज्ञान और विज्ञान आधारित खेती नहीं होगी, तब तक कमाई बढ़ाना मुश्किल है.
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