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मोबाइल फोन के एक मैसेज से आपके 50 पौधों की हो जाएगी सिंचाई, छोटी सी डिवाइस ने हल कर दी बड़ी मुश्किल

मोबाइल फोन के एक मैसेज से आपके 50 पौधों की हो जाएगी सिंचाई, छोटी सी डिवाइस ने हल कर दी बड़ी मुश्किल

पौधों में पानी डालने के लिये एक ऐसा मोबाइल वाटर सिस्टम तैयार किया हैं, जिसके माध्यम से घर-बागीचे में लगे पेड़ पौधों में आसानी से मोबाइल के वाट्सअप से पानी डाला जा सकता है.

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डिवाइस बनाने वाले गोरखपुर के स्‍टूडेंट अंशित श्रीवास्तव (फोटो- किसान तक) डिवाइस बनाने वाले गोरखपुर के स्‍टूडेंट अंशित श्रीवास्तव (फोटो- किसान तक)

Gorakhpur News: पर्यावरण के संरक्षण के लिए पौधरोपण के साथ उनका संरक्षण भी जरूरी है. इसके बावजूद भीषण गर्मी और बढ़ते तापमान की वजह से हर साल पौधरोपण अभियान चलाए जाने के बावजूद उनको समय पर खाद और पानी नहीं मिलने की वजह से पौधे सूख जाते हैं. आधुनिक युग में विज्ञान और तकनीक से पानी के अभाव में पौधे को सूखने की समस्‍या को काफी हद तक रोका जा सकता है. गोरखपुर में स्थित आईटीएम गीडा के स्‍टूडेंट अंशित श्रीवास्‍तव ने एक ऐसी मोबाइल डिवाइस तैयार की है, जिससे दूर बैठा शख्‍स भसी पौधों में मोबाइल से मैसेज कर पानी डाल सकता है. इसके साथ ही मैसेज कर पानी को बंद भी कर सकता सकता है. इतना ही नहीं पौधा या पेड़ आसपास से गुजरने पर राहगीरों को अपना इंट्रोडक्शन (परिचय) भी देगा.   

एक साथ 50 गमलों में हो जाएगी सिंचाई

दरअसल, वै‍ज्ञानिकों को इस बात की चिंता रही है कि आखिर इनका संरक्षण कैसे किया जाए. आईटीएम (इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी एंड मैनेजमेंट) गीडा के सीएस के स्‍टूडेंट अंशित श्रीवास्तव ने इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया है. उन्‍होंने बताया कि एंड्रॉयड मोबाइल पर वाट्सएप मैसेज के माध्‍यम से एक साथ 50 गमले में लगे पौधों को पानी से सिंचाई किया जा सकता है. वे बताते हैं कि इसके लिए ऐसी डिवाइस तैयार की गई है, जो मोबाइल से कनेक्‍ट होने के साथ आने-जाने वाले राहगीरों को अपने बारे में जानकारी देगा.

जानिए क्या हैं मोबाइल वाटर सिस्टम

पौधों में पानी डालने के लिये एक ऐसा मोबाइल वाटर सिस्टम तैयार किया हैं, जिसके माध्यम से घर-बागीचे में लगे पेड़ पौधों में आसानी से मोबाइल के वाट्सअप से पानी डाला जा सकता है. उन्होंने बताया कि पौधों को पानी और खाद की जरूरत पड़ती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए इस डिवाइस  को तैयार किया है. मोबाइल से एक मैसेज करते ही गमले में लगे पौधे में पानी पाइस से पहुंच जाएगा. इसके बाद मैसेज कर उसे बंद भी किया जा सकता है.

एंड्रॉयड फोन से किया जा सकता है अटैच

आधुनिक युग में मनुष्‍य द्वारा प्रकृति का दोहन जारी है. वनों के साथ पेड़ों को काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. यही वजह है कि क्‍लाइमेट चेंज और पृथ्‍वी का तापमान बढ़ता जा रहा है. इसी को ध्‍यान में रखते हुए पौधों को बचाने की मुहिम से सभी को जोड़ने के लिए इस प्रोडक्‍ट को तैयार किया गया है. इस प्रोजेक्ट को किसी भी एंड्रॉयड फोन से अटैच किया जा सकता है. इसे मोबाइल से 50 गमलों में लगे पौधों को पानी दिया जा सकता है. इसे मोबाइल के माध्‍यम से डिवाइस को मिनी वाटर पम्प से कनेक्ट किया जा सकता है. जैसे ही हम गमले में लगे पौधे का नाम भेजते हैं, गमले में सेट किये गए निर्धारित पानी की मात्रा गमले में भर जाती है. ऐसे में दूर से भी पौधों में पानी डाला जा सकता है.

डिवाइस को बनाने में आया 2 हजार का खर्च

गमले में जिन पौधों को लगाया गया है, वे अपना नाम और अपनी विशेषता के बारे में भी वहां से गुजरने वालों को लोगों को बताएंगे. इससे गमले में लगे पौधे का नाम और उसके बारे में जानने में लोगों को आसानी होगी. इसे बनाने में 12 दिनों का समय और 2 हजार रुपए का खर्च आया है. इसे बनाने में एंड्रॉयड मोबाइल, गियर मैकेनिकल स्विच, 12 वोल्ट पंप, 220 वोल्ट पंप मैसेज ट्रिगर सेंसर, वॉइस रिकॉर्डिंग चिप समेत अन्‍य उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है.     

पर्यावरण को संरक्षित और सुरक्षित रखना जरूरी

आईटीएम के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने छात्रों की प्रशंसा करते हुए  कहा कि सभी को पर्यावरण को संरक्षित और सुरक्षित बनाए रखने के लिए अपने और अपने बच्चों के नाम से एक-एक  पौधा लगाने की जरूरत हैं. भविष्य में ये पौधे, पेड़ बनेंगे, तो हमें ऑक्सीजन मिलेगा और हमारी धरती हरी भरी रहेगी.