खजूर की खेती करना किसानों के लिए काफी फायदेमंद होती है क्योंकि इसकी खेती करके किसान लाखों में कमाई करते हैं. हालांकि इसकी खेती करने में एक बड़ी समस्या आती है खजूर को तोड़ने की. जब खजूर पककर तैयार होता है तो उसे सावधानी से तोड़ने की जरूरत होती है. अगर खजूर तोड़ने के समय पेड़ से गिर जाता है तो उसकी क्वालिटी पर असर पड़ता है. खजूर का पेड़ ऐसा होता है कि उसपर चढ़कर खजूर तोड़ना आसान नहीं होता है. इसके तने में भार होता है और यह सीधा होता है, इसलिए इसपर चढ़ना आसान नहीं होता. इसके अलावा इसके पत्ते झाड़ीनुमा और कांटेदार होते हैं. इसलिए इसकी तोड़ाई करना आसान नहीं होता है.
खजूर किसानों की इस समस्या का समाधान अब निकल गया है. एक ऐसी मशीन विकसित की गई है जो खजूर की कटाई में किसानों की मदद करेगी. इस मशीन की खासियत यह है कि इंजन से चलने वाली इस मशीन को बागान में लेकर जाना बेहद की आसान है. यह काफी हल्का और पोर्टेबल है. इसे पीठ पर टांगकर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. पूरे बागान में इसे कहीं भी ले जाकर इससे काम किया जा सकता है. इस मशीन में हसिया होती है जो काटने का काम करती है. छेनी होता है जो ठोक कर काटने का करता है और उच्छेदन यंत्र होता है जो छेद करने के काम आता है.
ये भी पढ़ेंः किसानों की कपास फसल को बर्बाद नहीं कर पाएगा पिंक बॉलवर्म, ICAR की AI तकनीक से मिलेगा छुटकारा
इस छोटी मशीन के इस्तेमाल से किसान खजूर के पेड़ पर खिलने वाले उन फूलों को खोल सकते हैं जो पूरी तरह से नहीं खिल पा रहे हैं. साथ ही जो फूल नहीं खिल पाते हैं उनको किशोरावस्था के दौरान हटाने में मदद मिलती है. इस मशीन का इस्तेमाल करके किसान ढाई मीटर तक के लंबे पेड़ से खजूर के गुच्छे को तोड़ सकते हैं. इस मशीन की सहायता से किसान आसानी से मध्यम ऊंचाई वाले 6 मीटर तक के लंबे पेड़ से 80-90 गुच्छे प्रतिदिन तोड़ सकते हैं. जबकि लंबे पेड़ों से प्रतिदिन 60-70 गुच्छे की तोड़ाई कर सकते हैं. इसलिए यह मशीन खजूर की खेती करने वाले किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है.
ये भी पढ़ेंः जड़िया धान के बारे में जानते हैं आप? इससे क्यों बचना चाहते हैं किसान?
आम तौर पर खजूर की तुड़ाई के लिए पारंपरिक विधि का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें खजूर तोड़ने वाला व्यक्ति इसके पेड़ पर चढ़ता और तोड़ता है. यह काम काफी जोखिम भरा होता है क्योंकि इस दौरान किसान के पास सुरक्षा के कोई उपाय नहीं होते हैं. कमर और पीठ में रस्सी बांधकर और उसे पेड़ में फंसाकर उसी के सहारे ऊपर चढ़ा जाता है. खजूर की शाखाएं नहीं होती हैं, इसका पेड़ सपाट और लंबा होता है, इसलिए इसमें सीधी चढ़ान चढ़नी पड़ती है. ऊपर चढ़कर गुच्छा को काटने में भी रिस्क होता है. कांटा चुभने के साथ साथ बिना किसी मजबूत सहारे के खड़े होकर खजूर काटना पड़ता है. पर अब नई मशीन आ जाने से किसानों की मुश्किल आसान हो गई है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today