देश का एग्रीकल्चर स्टेटिक्स सिस्टम को मजबूत और बेहतर करने के लिए फसलों के सर्वे में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और मशीन लर्निंग जैसी मॉडर्न एनालिटिक्स और तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसको लेकर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तैयारियों में जुटा है. देश में सभी सीजन में फसलों के सटीक आकलन के लिए सर्वे प्रक्रिया को आज के हिसाब से मॉडर्न करने की योजना है. जिससे फसल उत्पादन अनुमानों को और पक्का किया जा सके और एग्रीकल्चर डेटा का समय पर सटीक कलेक्शन हो सके.
रिपोर्ट के अनुसार भारत सटीक रकबे का आकलन करने के लिए देश भर में मॉडर्न एनालिटिक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से नियमित डिजिटल फसल सर्वेक्षण करके अपनी कृषि सांख्यिकी प्रणाली को मजबूत करने की योजना बना रहा है. वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि इस कदम से सरकार को अधिक सटीक कृषि उत्पादन पूर्वानुमान लगाने में मदद मिलने की उम्मीद है, जिससे वह समय पर उचित व्यापार नीति उपाय शुरू करने में सक्षम होगी.
फसल उत्पादन के गलत आंकड़े अक्सर मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में सरकार के लिए चुनौती का कारण बन जाते हैं. बाजार और कारोबार में दिक्कत होती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो डिजिटल सर्वेक्षण अगली गर्मियों से बड़े पैमाने पर शुरू किया जा सकता है. अधिकारी आमतौर पर फसल बुआई के आंकड़ों के लिए स्थानीय अधिकारियों के इनपुट और क्षेत्र सर्वेक्षण पर निर्भर रहते हैं, जो कई बार अविश्वसनीय साबित हुए हैं. इसके अलावा एग्रीकल्चर डेटा का समय पर कलेक्शन भी जरूरी है.
फसल बुआई पर डेटा इकट्ठा करने के लिए राज्यों के नोडल अधिकारियों की ओर से डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और वेब एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जाता है. कृषि मंत्रालय का लक्ष्य एक मजबूत फसल सर्वेक्षण प्रणाली बनाना है जो बुवाई के अनुमानों को सटीकता देने के लिए मॉडर्न एनालिटिक्स, जीआईएस-जीपीएस टेक्नोलॉजी और एआई, मशीन लर्निंग जैसी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त सचिव फैज अहमद किदवई ने आज में आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन- खरीफ सीजन 2024 को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य खरीफ सीजन के दौरान फसल प्रदर्शन का आकलन और समीक्षा करना, आवश्यक इनपुट की आपूर्ति सुनिश्चित करना, फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए उपयोगी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को अपनाने में सहायता समेत अन्य सुविधायें उपलब्ध कराना है.
केंद्र सरकार ने पिछले साल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 12 राज्यों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण शुरू किया था और शुरुआती नतीजे उत्साहजनक पाए गए. यह डिजिटल सर्वेक्षण का पायलट प्रोजेक्ट राज्य मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, ओडिशा, असम और गुजरात में किया गया. अधिकारियों ने संकेत दिया कि अब इस पहल को बढ़ाना और पूरे देश को कवर करने से पहले इसे बड़ी संख्या में राज्यों तक ले जाना है.
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