अब व्हाट्सएप से मिलेंगे मजदूर-बढ़ेगी कमाई, तकनीक ने दिखाया नया रास्ता

अब व्हाट्सएप से मिलेंगे मजदूर-बढ़ेगी कमाई, तकनीक ने दिखाया नया रास्ता

मुंबई का एग्रीटेक स्टार्टअप भारत इंटेलिजेंस खेती के सेक्टर में एक नई क्रांति ला रहा है. यह किसानों को WhatsApp और AI टेक्नोलॉजी के ज़रिए कुशल मज़दूर मुहैया कराता है. अंगूर और केले की खेती से शुरुआत करके, कंपनी किसानों की इनकम बढ़ाने और मज़दूरों को बेहतर रोज़गार के मौके देने पर काम कर रही है.

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अब व्हाट्सएप से मिलेंगे मजदूर-बढ़ेगी कमाई, तकनीक ने दिखाया नया रास्ताखेती में आया टेक्नोलॉजी का जादू

मुंबई का एक नया एगटेक स्टार्टअप भारत इंटेलिजेंस किसानों की मदद के लिए बहुत अच्छा काम कर रहा है. इसका लक्ष्य है कि यह बागवानी के लिए “अर्बन कंपनी” जैसा बने. यानी जैसे शहरों में अर्बन कंपनी घर पर काम करने वाले लोग भेजती है, वैसे ही यह कंपनी किसानों को खेत में काम करने वाले अच्छे और कुशल मजदूर उपलब्ध कराती है.

अंगूर किसानों से हुई शुरुआत

भारत इंटेलिजेंस ने सबसे पहले महाराष्ट्र के नासिक इलाके में अंगूर किसानों के लिए काम शुरू किया. पिछले दो महीनों से यह कंपनी अंगूर के खेतों में काम करने वाले कुशल मजदूर भेज रही है. अब जनवरी से यह सोलापुर में केले की खेती के लिए भी यही सेवा शुरू करेगी.

मोबाइल और व्हाट्सएप से आसान सेवा

यह कंपनी एक AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) वाली तकनीक का इस्तेमाल करती है. किसान और मजदूर सिर्फ व्हाट्सएप से जुड़ सकते हैं. इससे किसानों को सही समय पर मजदूर मिल जाते हैं और मजदूरों को सही काम और सही दाम मिलता है.

मजदूरों की बढ़ी कमाई

पहले खेतों में काम करने वाले मजदूर करीब ₹600 रोज़ कमाते थे. अब भारत इंटेलिजेंस से जुड़कर वे ₹800 रोज़ तक कमा रहे हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि उसी दिन पैसा मिल जाता है.

किसानों की बड़ी परेशानी हुई दूर

नासिक में अंगूर की खेती बहुत ज्यादा होती है, लेकिन वहां अच्छे और प्रशिक्षित मजदूर नहीं मिलते थे. मजदूरी हर साल बढ़ रही थी, लेकिन मजदूरों को सही ट्रेनिंग नहीं मिलती थी. भारत इंटेलिजेंस ने इस समस्या को समझा और समाधान निकाला.

मजदूरों की ट्रेनिंग और सुरक्षा

कंपनी मजदूरों को नई मशीनें और सही तरीके सिखा रही है. जैसे अंगूर में इस्तेमाल होने वाले केमिकल को पहले हाथ से लगाया जाता था, जिससे हाथ खराब हो जाते थे. अब मजदूरों को दस्ताने और सही औज़ार दिए जाते हैं. इससे उनका काम तेज़ और सुरक्षित हो गया है.

“लेबर कैलेंडर” क्या है?

भारत इंटेलिजेंस किसानों की फसल, जमीन और समय देखकर एक “लेबर कैलेंडर” बनाता है. इससे पता चलता है कि किस दिन किस काम के लिए कितने मजदूर चाहिए. इससे न मजदूर खाली रहते हैं और न किसान परेशान होते हैं.

केले और दूसरी फसलों पर भी काम

अब कंपनी केले की खेती में भी काम कर रही है. इससे केले की गुणवत्ता अच्छी होगी और किसान विदेश में भी बेच सकेंगे. आगे चलकर यह कंपनी प्याज, टमाटर, अनार और आम की खेती में भी काम कर सकती है.

किसानों को ज्यादा फायदा

कंपनी बताती है कि अगर किसान थोड़ी सी अधिक देखभाल करें, तो उन्हें 2 से 2.50 रुपये प्रति किलो ज्यादा दाम मिल सकता है. यानी थोड़ा खर्च, लेकिन बहुत ज्यादा फायदा.

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