कृषि प्रधान देश भारत में कुछ प्रमुख फसलों पर ही ज्यादातर किसानों की आजीविका टिकी हुई है. गेहूं इनमें से एक ऐसी ही फसल है, क्योंकि केंद्र सरकार भारी मात्रा में इसकी एमएसपी पर खरीद करती है. ऐसे में यह किसानों के लिए एक स्थिर आय देने वाली फसल बनती जा रही है. लेकिन कई बार इसकी खेती में किसान उतना फायदा नहीं निकाल पाते, ऐसे में अब उन्नत तकनीक से गेहूं की खेती किसानों की आय बढ़ाने का काम कर रही है.
ऐसी ही एक कहानी छत्तीगढ़ के जशपुर जिले से सामने आई है, जहां फरसाबहार विकासखण्ड के ग्राम बोखी में उन्नत तकनीक से गेहूं की खेती से किसान की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है. अब किसान ने आगामी सीजन में ज्यादा क्षेत्र में उन्नत तकनीक से खेती करने की योजना बनाई है.
60 वर्षीय किसान गणेश राम यादव ने बताया कि वे पहले परंपरागत विधि से गेहूं उगाते थे, जिससे उन्हें प्रति एकड़ मात्र 4 से 5 हजार रुपये का ही मुनाफा होता था. वहीं, जब उन्होंने एसएमएसपी योजना के तहत 0.400 हेक्टेयर (लगभग 1 एकड़) क्षेत्र में गेहूं की किस्म जीडब्ल्यू 322 उन्नत तकनीकी से बोई तो उन्हें 7 क्विंटल उपज मिली और शुद्ध आय 16 हजार रुपये तक पहुंच गई.
उन्होंने बताया कि ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ने किसानों को बीज और तकनीकी मार्गदर्शन दिया था, जिससे उन्हें काफी फायदा हुआ. अब अन्य किसान भी आगामी रबी में उन्नत तकनीकी अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं. गणेश राम यादव ने कहा कि वे अगले साल ज्यादा क्षेत्र में इस विधि से गेहूं की फसल लगाएंगे और अन्य किसानों को भी इसी तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे.
मालूम हो कि बीते साल देश में गेहूं की बंपर बुवाई के चलते रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया गया था. वहीं, अब इस साल फिर मॉनसून में झमाझम बारिश के बाद एक बार फिर रबी सीजन में गेहूं की बढ़िया बुवाई होने की संभावना है. वहीं, बीते दिन केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खेती से जुड़े कई अहम फैसलों को मंजूरी दी और प्रमुख रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ाेतरी की.
केंद्र ने रबी मार्केटिंग सीजन 2026-27 के लिए गेहूं के एमएसपी में 160 रुपये की बढ़ोतरी की है. अब गेहूं का नया एमएसपी 2585 रुपये प्रति क्विंटल है. पहले यानी रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 में यह 2425 रुपये प्रति क्विंटल था. वहीं, केंद्र ने अन्य फसलों में चना, सरसों-रेपसीड, जौ, मसूर, कुसुम की एमएसपी भी बढ़ाई है.
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