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खुशखबरी! यूपी के किसान आसानी से खरीद सकते हैं खेती के उपकरण, 18.36 करोड़ रुपये की मिली स्वीकृति

खुशखबरी! यूपी के किसान आसानी से खरीद सकते हैं खेती के उपकरण, 18.36 करोड़ रुपये की मिली स्वीकृति

रोटावेटर खेती में जुताई जैसे कामों को निपटाने के लिए रोटावेटर का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. इस उपकरण को ट्रैक्टर के साथ जोड़कर चलाते हैं, जिससे खेत की एक या दो जुताई लगाकर मिट्टी को तैयार कर सकते हैं.

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सीड ड्रिल कम फर्टिलाइजर मशीन भी टैक्टर के साथ जोड़कर चलाई जाती है. सीड ड्रिल कम फर्टिलाइजर मशीन भी टैक्टर के साथ जोड़कर चलाई जाती है.

Agriculture Machinery: किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है खेती की लागत को कम करना. जब खेती में मेहनत, समय और धन की बचत होगी, तब ही किसान मुनाफा कमा पाएंगे. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ा जा रहा है. वहीं अब खेती में कृषि उपकरणों के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिल रहा है. इस कड़ी में योगी सरकार किसानों की आय डबल करने के लिए कृषि यंत्रों की खरीद को बढ़ावा दे रही है. प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसान बिना किसी आर्थिक परेशानी के कृषि उपकरणों को खरीदकर उनको प्रयोग कर अपनी खेती-बाड़ी के कार्य को सुगमता से पूरा करें. इसके लिए सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजनान्तर्गत कृषि यंत्रों के अनुदान के लिए कुल 18.36 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है.

इसके साथ ही वर्षा आधारित क्षेत्र में किसान भाई फसल उत्पादन के साथ-साथ ऐसी फसल पद्धति अपनायें जिससे फसल उत्पादन के साथ ही उन्हें एकीकृत फसल पद्धति प्रणाली से अतिरिक्त आय प्राप्त हो सके. इस हेतु नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के रेनफेड एरिया डेवलपमेंट कार्यक्रम हेतु 1.5 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है.

1- ट्रैक्टर 

ट्रैक्टर को किसान की शान मानते है. पहले बैलगाड़ी ही किसान की असली सवारी होती थी, जिससे खेती से लेकर ढुलाई तक का काम हो जाता था. इसी तरह ट्रैक्टर के साथ किसी भी कृषि उपकरणों या ट्रॉली को जोड़कर कृषि कार्यों को आसान बना देता हैं.

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चाहे खेत की तैयारी हो, बुवाई, छिड़काव, कटाई या मंडी के लिए उपज की ढुलाई, ये सभी काम ट्रैक्टर की मदद से कई गुना आसान हो जाते हैं. 

2- रोटावेटर खेती

रोटावेटर खेती में जुताई जैसे कामों को निपटाने के लिए रोटावेटर का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. इस उपकरण को ट्रैक्टर के साथ जोड़कर चलाते हैं, जिससे खेत की एक या दो जुताई लगाकर मिट्टी को तैयार कर सकते हैं. इन दिनों फसल अवशेष प्रबंधन के लिए भी रोटावेटर का काफी इस्तेमाल हुआ है. ये मिट्टी में जमे हुए फसल अवशेषों को खेत में फैला देता है. 

3- सीड ड्रिल मशीन

सीड ड्रिल कम फर्टिलाइजर मशीन भी टैक्टर के साथ जोड़कर चलाई जाती है. इससे खेत में बीजों की बुवाई, साथ में उर्वरक को डाल सकते हैं. 

4- स्प्रेयर मशीन

स्प्रेयर मशीन से फसल पर पेस्टीसाइड और लिक्विड फर्टिलाइजर का छिड़काव आसान हो जाता है. इस स्प्रेयर मशीन को कमर पर किसी बैग की तरह पहल सकते हैं. इशमें एक टंकी लगी होती है, जिसमें छिड़काव के लिए कीटनाशक और लिक्विड उर्वरक डालते हैं.

5- थ्रैसर मशीन 

थ्रैसर मशीन से फसल की कटाई को एक ही दिन में निपटा सकते हैं. ये उपकरण भी ट्रैक्टर के साथ जोड़कर चला सकते हैं, जो अनाज को काटकर भूसी और दाना अलग करता है.