देश में खेती के तीन सीजन हैं, जिन्हें रबी, खरीफ और जायद का सीजन कहा जाता है. रबी और खरीफ की फसलें अक्सर चर्चाओं में बनी रहती हैं. लेकिन जायद सीजन के बारे में देश के अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं है. असल में मौजूदा समय रबी का सीजन चल रहा है. इसके बाद जायद का सीजन आने वाला है. ऐसे में किसानों को अभी से जायद सीजन की जानकारी होना जरूरी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए आज हम बात करेंगे जायद सीजन में उगाई जाने वाले धान के बारे में. साथ ही जानेंगे कि जायद सीजन कब शुरू होता है.
वैसे तो धान की खेती खरीफ के सीजन में की जाती है, लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जायद सीजन में भी धान की खेती की जाती है. जायद के सीजन में उगाए जाने वाले धान का नाम गरमा धान है.
जायद सीजन में फरवरी मध्य से मार्च के आखिरी तक बोई जाने वाली फसलें होती हैं, जिनकी पैदावार गर्मियों के शुरुआती दिनों में तैयार हो जाती है. अनुकूल जलवायु के मुताबिक गरमा धान की बुवाई जायद के मौसम में करने पर किसानों को बढ़िया पैदावार और मुनाफा होता है. जायद के मौसम में ज्यादातर नकदी फसलें उगाई जाती हैं.
रबी का फसल कटते ही इस धान की रोपाई शुरू हो जाती है और खरीफ सीजन आने से पहले ही यानी सिर्फ 2 महीने के अंदर गरमा धान पक कर तैयार हो जाता है. इसकी अगेती बुवाई फरवरी में और पछेती बुवाई मई के आखिर में की जाती है और जुलाई के आखिर या अगस्त के पहले सप्ताह तक पूरी तरीके से पक जाता है.
बहरहाल गरमा धान की खेती बिहार के कुछ जिलों के अलावा झारखंड में भी की जाती है. इस धान का डिमांड पश्चिम बंगाल में काफी ज्यादा है. वहां के व्यापारी इस धान की खरीदारी सबसे अधिक करते हैं. क्योंकि वहां इससे बने चूड़े की काफी डिमांड है. इस धान से बना चूड़ा स्वादिष्ट और अच्छा होता है.
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गरमा धान की खेती करने से किसानों को कम समय में अच्छी-खासी आमदनी हो जाती है. क्योंकि किसान रबी से खरीफ सीजन के बीच के समय में इस फसल का पैदावार कर लेते हैं. वहीं किसान भी मानते हैं कि उनका गरमा धान के खेती का मकसद कम समय में अधिक मुनाफा कमाना है. इसे देखकर अब धीरे-धीरे अगल-अगल राज्यों में भी किसान इसकी खेती करने लगे हैं.
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