देश के 12 गेहूं उत्पादक राज्यों में से इस समय सात में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गेहूं की खरीद जारी है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) के अधिकारियों के अनुसार 15 अप्रैल तक करीब 36 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. सबसे ज्यादा गेहूं की खरीद मध्य प्रदेश में हुई है. उसके बाद दूसरे नंबर पर हरियाणा पहुंच गया है. देश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश खरीद के मामले में तीसरे नंबर पर है. बाकी किसी राज्य में एक लाख मीट्रिक टन की भी खरीद नहीं हो पाई है. इस साल सरकार को 372 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदना है. हालांकि, बाजार विशेषज्ञ और संबंधित अधिकारी बता रहे हैं कि रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 में 310 से 320 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो सकती है.
केंद्र सरकार पिछले दो वर्ष से गेहूं खरीद का लक्ष्य हासिल नहीं कर पा रही है, क्योंकि किसानों को ओपन मार्केट में एमएसपी से अधिक कीमत मिल रही है. इस साल भी हालात ऐसे ही हैं. इस बीच बफर स्टाक में गेहूं नॉर्म्स से थोड़ा सा ही अधिक है. ऐसे में उसके सामने पीडीएस में बांटने के लिए अधिक से अधिक गेहूं खरीदने की चुनौती है. सरकार की कोशिश यह है कि कम से कम पिछले साल से अधिक खरीद हो. पिछले वर्ष 331.5 लाख मीट्रिक टन का टारगेट था, जबकि सरकार सिर्फ 262 लाख मीट्रिक टन ही खरीद पाई थी.
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मध्य प्रदेश में 19,82,281 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है. यहां पर किसानों को गेहूं की एमएसपी 2275 रुपये पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस मिल रहा है. ऐसे में एमपी के किसानों को 2400 रुपये का सरकारी रेट मिल रहा है. यह सेंट्रल पूल यानी बफर स्टॉक में गेहूं देने के मामले में आमतौर पर दूसरे नंबर पर रहता है. दाम को देखते हुए ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश अपनी पुरानी पोजिशन इस साल भी बरबरार रखेगा.
हरियाणा में 12,71,927 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है. यहां पर सरकार ने 80 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा है. हालांकि पंजाब के पास सबसे ज्यादा 130 लाख टन खरीद का टारगेट है और यहां अभी गेहूं खरीदने का काम काफी सुस्त गति से चल रहा है. पंजाब में 15 अप्रैल तक सिर्फ 41,658 मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदा जा सका है. कहा जा रहा था कि बैसाखी के बाद गेहूं खरीद तेज होगी लेकिन अभी तक एक लाख मीट्रिक टन का भी आंकड़ा सामने नहीं आया है.
उत्तर प्रदेश में 1,86,348 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है. राजस्थान में 79,445 मीट्रिक टन की खरीद हुई है. राजस्थान में भी किसानों को गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस मिल रहा है. बिहार में 1703 और उत्तराखंड में अब तक सिर्फ 21 मीट्रिक टन की खरीद हुई है.
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