प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जनपद में कुसुम योजना के तहत किसानों को विशेष मदद मिल रही है. बनारस के किसानों ने सोलर पंप योजना में बढ़-चढ़कर हिस्सा भी ले रहे है. 2023-24 में जिले के कुल 131 किसानों को योजना का लाभ मिला है. किसानों की आय की दोगुनी करने के साथ-साथ सिंचाई की उचित सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इस योजना के तहत सोलर पंप दिए जा रहे हैं. पहले चरण में प्रदेश में 1000 पंप देने की घोषणा की गई. इससे जनपद की 75 किसानों को लाभ मिला, दूसरे साल 56 किसानों का चयन किया गया. अब 131 किसानों को लाभ दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में कुसुम योजना के तहत सोलर पंप का लाभ किसानों को दिया जा रहा है. पूरे उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत यूपी में 2023-2024 में 30 हजार पंप का लक्ष्य रखा गया है. वाराणसी के किसानों कुसुम योजना के तहत सोलर पंप योजना में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. 2023-24 में कुल 131 किसानों को इस योजना के तहत चयनित किया गया है. चयनित होने वाले किसानों को पंप की कीमत का 90 फ़ीसदी तक अनुदान उपलब्ध होता है. इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है.सरकार के द्वारा तीन एचपी से लेकर 10 एचपी के सोलर पंप दिए जा रहे हैं.
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उत्तर प्रदेश में पीएम कुसुम योजना के तहत 3 एचपी से लेकर 10 एचपी के पंप पर अनुदान दिया जा रहा है. तीन हॉर्स पावर के पंप कीमत ₹265439 रुपए है इसमें किसानों को 10% यानी 26544 जमा करना है. प्रदेश सरकार के द्वारा सोलर पंप के मूल्य पर कृषकों को 60 प्रतिशत अनुदान भी दिया जा रहा है. पूर्वांचल में सबसे ज्यादा तीन हॉर्स पावर के सोलर पंप की मांग है जबकि बुंदेलखंड के इलाकों में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे होने के चलते यहां पर 10 हॉर्स पावर के पंप की डिमांड है.
उत्तर प्रदेश में किसानों को ₹5000 की टोकन मनी पर ऑनलाइन बुकिंग के जरिए सोलर पंप की सुविधा मिल रही है. किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए पर वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. ऑनलाइन बुकिंग विभाग कि इस वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर करनी होगी. किसानों की बुकिंग जनपद के लक्ष्य की सीमा से 110 फीसदी तक 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर की जा रही है. किसानों को ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए ₹5000 का टोकन मनी के रूप में ऑनलाइन जमा करना होगा.
किसानों को सोलर पंप की योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्ते हैं जिसको पूरा करना होगा. किसानों को खुद ही बोरिंग करनी होगी. सत्यापन के समय बोरिंग ना पाए जाने पर टोकन मनी की धनराशि भी जप्त हो सकती है. टोकन कंफर्म करने के 14 दिन के अंदर किसानों को बची हुई धनराशि ऑनलाइन टोकन जनरेट कर चालान द्वारा इंडियन बैंक की किसी भी ब्रांच या ऑनलाइन तरीके से जमा करना होगा. किसानों के द्वारा बैंक से लोन लेकर कृषक अंश जमा करने पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से नियमानुसार ब्याज में छूट भी पा सकता है. किसान सोलर पंप स्थापित होने के बाद जगह को परिवर्तित नहीं कर सकते.
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