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बेमौसम बारिश के कारण गेहूं की फसल हुई बर्बाद, किसानों की उम्मीद पर फिरा पानी

बेमौसम बारिश के कारण गेहूं की फसल हुई बर्बाद, किसानों की उम्मीद पर फिरा पानी

तेज हवाओं के साथ भारी बारिश के कारण कई राज्यों की मुख्य फसल गेहूं को भारी नुकसान हुआ है. वही बारिश और तेज हवा के कारण किसानों के सामने विकट स्थिति पैदा हो गई है. खेत में पड़ी गेहूं की फसल से बेहतर उपज मिलने की उम्मीद धराशायी हो गई है.

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बेमौसम बारिश के कारण गेहूं की फसल हुई बर्बाद बेमौसम बारिश के कारण गेहूं की फसल हुई बर्बाद

तेज हवाओं के साथ भारी बारिश के कारण उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों की मुख्य फसल गेहूं को भारी नुकसान हुआ है. उत्तर प्रदेश और हरियाणा में किसानों द्वारा बोई गई गेहूं की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. इस बारिश से गेहूं, सरसों, आलू सहित कई अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है. किसानों का कहना है कि, इस बारिश और तेज हवा के कारण खेतों में खड़े गेहूं के पौधे खेतों में गिर गए हैं. बारिश के कारण खेतों में पानी जमा होने से गेहूं के दाने सड़ रहे हैं. पिछले साल गेहूं के बेहतर दाम मिलने से किसानों ने अधिक रकबे में गेहूं की खेती की थी.

किसान तक से बात करते हुए जिला गोरखपुर के पीपीगंज के हरपुर गांव के रहने वाले किसान राजू सिंह ने बताया कि उनकी गेहूं की फसल लगभग पक चुकी थी, अचानक तेज हवा के साथ आई बारिश से गेहूं की फसल खेतों में गिर गई. उन्होंने कहा कि अगर गेहूं की फसल गिरती है तो गेहूं के दाने काले पड़ जाते है और उपज में कमी आती है. वहीं दूसरी ओर खेत गीला होने के कारण गेहूं की कटाई में देरी होगी, देरी होने से गेहूं के दाने खेत में गिरेंगे. उन्होंने बताया कि उनके आम के बाग में लगे बौर काले पड़ने लगे हैं और पेड़ पर लगे आम गिरने लगे हैं. उन्होंने कहा कि बारिश और तेज हवा के कारण विकट स्थिति पैदा हो गई है. खेत में पड़ी गेहूं की फसल से बेहतर उपज मिलने की उम्मीद धराशायी हो गई है.

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं की खेती बड़े पैमाने पर होती है. जिला बुलंदशहर के गांव सतवारा के किसान नेत्रपाल ने किसान तक को बताया कि पिछले साल दाम बेहतर होने के कारण गांव के किसानों ने अधिक क्षेत्र में गेहूं की खेती की थी. उन्होंने कहा कि अगेती फसल जो पक चुकी थी वह खेतों में गिर गई और गेहूं की फसल के दाने काले होने लगे हैं और देर से पकने वाली गेहूं की किस्म जो फूल अवस्था में थी इस बारिश से उपज में कमी आएगी. नेत्रपाल ने बताया कि लोबिया, तोरई भिंडी के किसानों ने ग्रीष्मकालीन सब्जियों की फसल बोई थी. बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाने से सब्जियों की इन फसलों के बीज खेतों में ही सड़ गए. 

जिला बुलंदशहर के गांव नेकपुर के किसान प्रीतम सिंह ने बताया कि उन्होंने करीब तीन एकड़ में गेहूं की खेती की थी. उसकी फसल पक कर कटने को तैयार थी, लेकिन इस बारिश से खेत में पानी भर जाने से कटाई में देरी होगी और अनाज खराब होने की आशंका है, जिससे उसे 10 से 20 फीसदी  का नुकसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अचानक हुई बारिश से उनके क्षेत्र के अन्य गांवों के किसानों की गेहूं की 40 से 50 फीसदी फसल बर्बाद हो गई है. प्रीतम सिंह ने कहा कि बारिश और ओलों के कारण खेतों में खड़ी सरसों फसल खेतों में गिर गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

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गांव भूरेका जिला मथुरा के किसान सुधीर अग्रवाल ने किसान तक को बताया कि उसने 80 एकड़ में गेहूं की खेती की थी. फसल भी अच्छी हुई, मगर हवा के साथ आई तेज बारिश में गेहूं की फसले गिर गई हैं और फसल खराब हो गई उन्होंने कहा कि कई खेत में पानी होने से कंबाइन खेतों में नहीं चल पाएगा गेहूं की फसल देर से कटेगी और गेहूं के दाने खेत में गिरेंगे. उन्होंने कहा कि उनके गांव के कई किसानों ने आलू की खुदाई नहीं की थी, बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाने से आलू सड़ गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि कुछ किसानों ने गर्मी की सब्जियों की फसल लौकी, तोरिया और लोबिया लगाई थी और उन खेतों में जलभराव के कारण बीज सड़ गए.

नई दिल्ली के गांव हिरंकी के किसान उमेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने 15 एकड़ में गेहूं लगाया था और गेहूं की बालियां पक चुकी थीं और फसल कटने को तैयार थी. लेकिन तेज हवा और पानी के कारण फसल खेतों में बिखर गई है. खेतों से बारिश का पानी नहीं मिलने से समस्या बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि पानी नहीं निकलने से दाना काला पड़ जाता है और डंठल खेत में ही सड़ने लगते हैं. उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकलीन साग सब्जियों की फसल भी बोई थी. लेकिन खेतों में जलभराव के कारण वे भी सड़ गये.
 


सरदार बल्लभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ एग्रोनामी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. के.जी. यादव ने कहा कि इस बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल को 10 से 15 फीसदी नुकसान होने की आशंका है. वहीं खड़ी सरसों की फसल को और ज्यादा नुकसान होने की आशंका है. वहीं उड़द व मूंग की फसल की बुवाई में देरी होगी. उन्होंने कहा कि किसानों के पास पानी है तो वह पानी निकालने की व्यवस्था करें. इस नुकसान की भरपाई के लिए खाली पड़े खेतों में सब्जियों की फसल बोनी चाहिए.
 
कृषि विज्ञान केंद्र हापुड़ के हेड़ डॉ. हंसराज सिंह ने किसान तक से बात करते हुए किसानों को सुझाव दिया कि जिन किसानों की सरसों की फसल कट चुकी है, और खेतों में पड़ी है तो उन्हें पॉलिथीन शीट या त्रिपाल पर रखना चाहिए. नहीं तो तेज धूप निकलेगी, तो सरसों के बालिया फट जाएंगी और सरसों के दाने खेतों में बिखर जाएंगे. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान सरसों की फसल को 50 फीसदी के आसपास हो सकता है, जबकि पहले गेहूं की फसल को 15 से 20 फीसदी नुकसान होने की संभावना है.

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