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चाय बागान पर कीटों के अटैक से क‍िसान परेशान, 'प्रत‍िबंध‍ित' कीटनाशक के उपयोग को लेकर शुरू हुआ घमासान

चाय बागान पर कीटों के अटैक से क‍िसान परेशान, 'प्रत‍िबंध‍ित' कीटनाशक के उपयोग को लेकर शुरू हुआ घमासान

हाल के वर्षों में, चाय बागानों में प्रतिबंधित कीटनाशकों के उपयोग को लेकर भारत में कई विवाद रहे हैं. चाय उत्पादन में हानिकारक कीटनाशकों के उपयोग को रोकने के लिए पर्यावरणविदों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कड़े नियमों और प्रवर्तन की मांग करते हुए इस मुद्दे ने विरोध और बहस छेड़ दी है.

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चाय बागान में कीटनाशक के छिड़काव को लेकर विवाद चाय बागान में कीटनाशक के छिड़काव को लेकर विवाद

चाय बागानों में प्रतिबंधित कीटनाशकों का उपयोग एक गंभीर मुद्दा है जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. आमतौर पर कृषि में उपयोग किए जाने वाले कुछ कीटनाशकों को कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़ा गया है. भारत सरकार ने चाय बागानों सहित कृषि में उपयोग के लिए कई कीटनाशकों पर उनके हानिकारक प्रभावों के कारण प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, भारत में चाय बागानों में इन प्रतिबंधित कीटनाशकों का उपयोग जारी रखने की खबरें सामने आई हैं, जिससे उत्पादित चाय की सुरक्षा और इन कीटनाशकों का छिड़काव करने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं.

हाल के वर्षों में, चाय बागानों में प्रतिबंधित कीटनाशकों के उपयोग को लेकर भारत में कई विवाद रहे हैं. चाय उत्पादन में हानिकारक कीटनाशकों के उपयोग को रोकने के लिए पर्यावरणविदों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कड़े नियमों और प्रवर्तन की मांग करते हुए इस मुद्दे ने विरोध और बहस छेड़ दी है. कुछ चाय कंपनियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं कि उनके उत्पाद प्रतिबंधित कीटनाशकों से मुक्त हैं और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ तरीके से उत्पादित किए जाते हैं.

चाय बगानों में डाइमेथोएट के उपयोग पर छिड़ा विवाद

केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड (CIB) द्वारा डाइमेथोएट के उपयोग की अनुमति देने पर भारतीय चाय उद्योग में विवाद छिड़ गया है. आपको बता दें CIB द्वारा इसे 2020 में प्रतिबंधित कर दिया गया था. लेकिन अब बढ़ते कीटों को रोकने के लिए एक बार फिर इसकी अनुमति देने पर विवाद छिड़ गया है.

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CIB की 446वीं बैठक में लिया गया फैसला 

CIB (CIB-RC) की पंजीकरण समिति (RC) की हाल ही में हुई 446वीं बैठक के कार्यवृत्त के अनुसार, डायमेथोएट के उपयोग के लिए एक तदर्थ अनुमोदन, जिसे अत्यधिक विषैले ऑर्गनोफॉस्फोरस यौगिक माना जाता है, के प्रसार का मुकाबला करने के लिए टी मॉस्किटो बग को एक साल के लिए मंजूरी दी गई है.

एकीकृत हानिकारक कीट प्रबंधन को अपनाने की जरूरत

भारतीय चाय बोर्ड एक एकीकृत कीट प्रबंधन रणनीति को अपनाने की वकालत कर रहा है जिसमें चाय अनुसंधान संघ (टीआरए) द्वारा प्रस्तावित रासायनिक और गैर-रासायनिक कृषि पद्धतियों को शामिल किया गया है. अनुमान के मुताबिक हर साल करीब 147 मिलियन किलोग्राम (mkg) फसल बर्बाद हो जाती है, जिससे भारतीय चाय उद्योग को सालाना 2,865 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. भारतीय चाय बोर्ड के अध्यक्ष सौरव पहाड़ी ने कहा कि समस्या का समाधान करने के लिए एक एकीकृत कीट प्रबंधन (integrated pest management) रणनीति को अपनाना की सलाह दी है.